ZEN AUR PRASANNA RAHNE KI KALA (HINDI)

Publisher:
MANJUL
| Author:
CHRIS PRENTISS
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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MANJUL
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CHRIS PRENTISS
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Hindi
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Paperback

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ज़ेन और प्रसन्न रहने कि कला हम ही हर अगले पल के सृजनकर्ता हैं “किसी भी कार्य को एक विशेष एकाग्रता, एक शांत और सहज मन के साथ करना ज़ेन की प्रक्रिया कहलाती है. इससे प्रबुद्धता का अनुभव आता है और उनके माध्यम से प्रसन्नता आती है. ” – इस पुस्तक से विकसित होता विज्ञान और अध्यात्म हमें बताते हैं कि हम जिसमें विश्वास करते हैं, वही जीवकोषीय स्तर पर हमारे शरीर की संरचना निर्धारित करता है. इस पुस्तक में आप जानेंगें कि किस तरह विचार एवं अनुभव किया जाए, ताकि जो आप सोचते व अनुभव करते हैं उस से आपके जीवन में अवसाद और अंधकार के स्थान पर प्रसन्नता एवं स्पंदन निर्मित हो. आप यह भी सीखेंगे कि जीवन में अपरिहार्य रूप से होने वाले परिवर्तनों को किस प्रकार स्वीकार किया जाए, तनाव से किस तरह निपटा जाए और दैनिक जीवन में मन की प्रसन्नता को कैसे निखारा जाए. सबसे अहम् बात यह है कि इस पुस्तक में निहित ज्ञान आपको दिखाएगा कि आपके जीवन में शानदार अनुभवों को किस प्रकार आमंत्रित किया जाए और एक ऐसे निजी दर्शन का सृजन किया जाए जो आपको हर परिस्थिति में सहज बनाए रखेगा. खुश रहने की कला, तरीके और आतंरिक रूप के बारे में बताने वाली एक उत्कृष्ट पुस्तक.

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Description

ज़ेन और प्रसन्न रहने कि कला हम ही हर अगले पल के सृजनकर्ता हैं “किसी भी कार्य को एक विशेष एकाग्रता, एक शांत और सहज मन के साथ करना ज़ेन की प्रक्रिया कहलाती है. इससे प्रबुद्धता का अनुभव आता है और उनके माध्यम से प्रसन्नता आती है. ” – इस पुस्तक से विकसित होता विज्ञान और अध्यात्म हमें बताते हैं कि हम जिसमें विश्वास करते हैं, वही जीवकोषीय स्तर पर हमारे शरीर की संरचना निर्धारित करता है. इस पुस्तक में आप जानेंगें कि किस तरह विचार एवं अनुभव किया जाए, ताकि जो आप सोचते व अनुभव करते हैं उस से आपके जीवन में अवसाद और अंधकार के स्थान पर प्रसन्नता एवं स्पंदन निर्मित हो. आप यह भी सीखेंगे कि जीवन में अपरिहार्य रूप से होने वाले परिवर्तनों को किस प्रकार स्वीकार किया जाए, तनाव से किस तरह निपटा जाए और दैनिक जीवन में मन की प्रसन्नता को कैसे निखारा जाए. सबसे अहम् बात यह है कि इस पुस्तक में निहित ज्ञान आपको दिखाएगा कि आपके जीवन में शानदार अनुभवों को किस प्रकार आमंत्रित किया जाए और एक ऐसे निजी दर्शन का सृजन किया जाए जो आपको हर परिस्थिति में सहज बनाए रखेगा. खुश रहने की कला, तरीके और आतंरिक रूप के बारे में बताने वाली एक उत्कृष्ट पुस्तक.

About Author

क्रिस प्रेन्टिस कैलिफ़ोर्निया के मालिबू में पैसेजेस एडिशन क्योर सेंटर के सह-संस्थापक और श-निर्देशक एवं द अल्कोहॉलिज़म ऐंड एडिक्शन क्योर: अ होलिस्टिक अप्रोच टु टोटल रिकवरी के लेखक हैं. उन्होंने चीनी दर्शन और व्यक्तिगत विकास पर एक दर्जन किताबें लिखी हैं. वे आई चिंग को लेकर अपनी व्याख्याओं के चलते दुनिया भर में जाने जाते हैं, जिससे इस प्राचीन, गूढ़ एवं समझने में कठिन विषय को समझना और लागू करना आसान हो जाता है, प्रेन्टिस ने दक्षिण कैलिफ़ोर्निया में व्यक्तित्व विकास की कार्यशालाएं आयोजित की हैं और एक फ़ीचर फ़िल्म का लेखन, निर्देशन एवं निर्माण भी किया है. वे मालिबू में अपनी पत्नी, लिन के साथ रहते हैं.

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