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AadiBhoomi
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
प्रतिभा राय, अनुवाद शंकरलाल पुरोहित
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
प्रतिभा राय, अनुवाद शंकरलाल पुरोहित
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹950 ₹665
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1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789357755290
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
510
आदिभूमि –
संस्कृति को सिर्फ़ बाहर से नहीं देखा जा सकता और न ही यह दिखाने की चीज़ है। बाहर-बाहर से देखकर इसे पूरी तरह अभिव्यक्त कर पाना सम्भव भी नहीं है। दरअसल संस्कृति को अपने अन्दर अनुभव कर, उसमें रच-बस कर ही उसकी बहुरंगी छवियाँ उकेरी जा सकती हैं। प्रख्यात उड़िया कथाकार प्रतिभा राय ने अपने इस उपन्यास आदिभूमि में यही किया है।
आदिभूमि उड़ीसा के बोंडा आदिवासी जन-जीवन और उसके परिवेश की जीवन्त कथा है। इसमें आदिम मानव-समाज का प्रतिनिधित्व कर रही बोंडा जनजाति की धड़कन है। यह बोंडा के पारम्परिक जीवन-मूल्यों, आवेगों और विश्वासों के साथ ही आज के सांस्कृतिक और आर्थिक वैश्वीकरण के दौर में विकास के नाम पर आधुनिक समाज द्वारा हो रहे उसके दोहन-शोषण और उससे उपजी विकृतियों की गाथा है। इस उपन्यास में पाँच पीढ़ियों की कहानी है, जिसमें प्रागैतिहासिक बोंडा जीवन और समाज के सुख-दुख, जय-पराजय, उसके द्वन्द्व और संघर्ष आदि विविध पक्षों को लेकर पूरी एक शताब्दी में फैले कथानक का ताना-बाना बुना गया है। कहा जा सकता है कि यह हमारे समय का, मानव के शुद्ध रूप और उसकी सात्त्विक सम्भावना का एक विराटू फलक पर रचा गया महत्त्वपूर्ण औपन्यासिक दस्तावेज़ है।
प्रस्तुत है कथा-साहित्य के सुधी पाठकों के लिए प्रतिभा राय के बहुप्रशंसित उपन्यास आदिभूमि का नया संस्करण ।
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Description
आदिभूमि –
संस्कृति को सिर्फ़ बाहर से नहीं देखा जा सकता और न ही यह दिखाने की चीज़ है। बाहर-बाहर से देखकर इसे पूरी तरह अभिव्यक्त कर पाना सम्भव भी नहीं है। दरअसल संस्कृति को अपने अन्दर अनुभव कर, उसमें रच-बस कर ही उसकी बहुरंगी छवियाँ उकेरी जा सकती हैं। प्रख्यात उड़िया कथाकार प्रतिभा राय ने अपने इस उपन्यास आदिभूमि में यही किया है।
आदिभूमि उड़ीसा के बोंडा आदिवासी जन-जीवन और उसके परिवेश की जीवन्त कथा है। इसमें आदिम मानव-समाज का प्रतिनिधित्व कर रही बोंडा जनजाति की धड़कन है। यह बोंडा के पारम्परिक जीवन-मूल्यों, आवेगों और विश्वासों के साथ ही आज के सांस्कृतिक और आर्थिक वैश्वीकरण के दौर में विकास के नाम पर आधुनिक समाज द्वारा हो रहे उसके दोहन-शोषण और उससे उपजी विकृतियों की गाथा है। इस उपन्यास में पाँच पीढ़ियों की कहानी है, जिसमें प्रागैतिहासिक बोंडा जीवन और समाज के सुख-दुख, जय-पराजय, उसके द्वन्द्व और संघर्ष आदि विविध पक्षों को लेकर पूरी एक शताब्दी में फैले कथानक का ताना-बाना बुना गया है। कहा जा सकता है कि यह हमारे समय का, मानव के शुद्ध रूप और उसकी सात्त्विक सम्भावना का एक विराटू फलक पर रचा गया महत्त्वपूर्ण औपन्यासिक दस्तावेज़ है।
प्रस्तुत है कथा-साहित्य के सुधी पाठकों के लिए प्रतिभा राय के बहुप्रशंसित उपन्यास आदिभूमि का नया संस्करण ।
About Author
डॉ. प्रतिभा राय -
डॉ. प्रतिभा राय ने रेवेंशा कॉलेज, कटक से विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। स्नातकोत्तर एवं पीएच.डी. हेतु शिक्षा शास्त्र उनके अध्ययन का क्षेत्र रहा। कई वर्षों तक रेवेंशा कॉलेज में अध्यापन । बी. जे. बी. कॉलेज में शिक्षा शास्त्र विभाग की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। ओड़िशा लोक सेवा आयोग की सदस्य रहीं। अनेक सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थाओं से सम्बद्ध ।
प्रकाशित कृतियाँ : अब तक 20 उपन्यास और 25 कहानी-संग्रहों के साथ कविता, यात्रा-वृत्तान्त एवं निबन्ध की अनेक पुस्तकें प्रकाशित। अंग्रेज़ी, हंगेरियन एवं प्रमुख भारतीय भाषाओं में कृतियों का अनुवाद ।
सम्मान पुरस्कार : 'पद्मश्री' (2007), 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' (2011), 'मूर्तिदेवी पुरस्कार', 'साहित्य अकादमी पुरस्कार', 'ओड़िशा साहित्य अकादमी पुरस्कार', 'अमृत कीर्ति पुरस्कार', 'विषुव पुरस्कार', 'कथा भारती उपाधि', 'कथा पुरस्कार' और 'सारला पुरस्कार' ।
सम्प्रति : स्वतन्त्र लेखन
सम्पर्क : आख्यायिका, 27 गजपति नगर, भुवनेश्वर - 751005 (ओड़िशा)
मो. : 09937052251
ईमेल : Pratibha-ray@yahoo.co.in
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