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Ek Boond Sahasa Uchhali

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
अज्ञेय
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
अज्ञेय
Language:
Hindi
Format:
Hardback

280

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Book Type

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ISBN:
SKU 9789355184986 Category
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Page Extent:
228

एक बूँद सहसा उछली –
एक बूँद सहसा उछली पुस्तक में अज्ञेय की यात्राओं का समुद्रपारीय संसार है। यह सारे यूरोप का एक भव्य और भीतरी यात्रावृत्त है लेकिन यह यात्रा भूगोल की जानकारी भर नहीं है बल्कि अज्ञेय के अनुसार यह यात्रावृत्त उन सभी स्थानों के प्रभाव और संवेदना का आकलन है जहाँ भी वे गये। पुस्तक के प्रति पाठक की भी ऐसी दृष्टि निर्मित हो जाती है कि वह देश में नहीं, काल में भी यात्रा करता है। लेखक, जो स्थान, क़िस्से, संस्मरण और यात्राओं के प्रभाव व अनुभव पाठक के सामने लाता है उसका सांस्कृतिक अर्थ और महत्त्व दोनों ही हैं। सागर में एक बूँद का सहसा उछलना और सूरज की रोशनी में रंग जाना, इस पुस्तक का यही परिदृश्य है और यह परिदृश्य विराटता का निर्माण करता है।

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Description

एक बूँद सहसा उछली –
एक बूँद सहसा उछली पुस्तक में अज्ञेय की यात्राओं का समुद्रपारीय संसार है। यह सारे यूरोप का एक भव्य और भीतरी यात्रावृत्त है लेकिन यह यात्रा भूगोल की जानकारी भर नहीं है बल्कि अज्ञेय के अनुसार यह यात्रावृत्त उन सभी स्थानों के प्रभाव और संवेदना का आकलन है जहाँ भी वे गये। पुस्तक के प्रति पाठक की भी ऐसी दृष्टि निर्मित हो जाती है कि वह देश में नहीं, काल में भी यात्रा करता है। लेखक, जो स्थान, क़िस्से, संस्मरण और यात्राओं के प्रभाव व अनुभव पाठक के सामने लाता है उसका सांस्कृतिक अर्थ और महत्त्व दोनों ही हैं। सागर में एक बूँद का सहसा उछलना और सूरज की रोशनी में रंग जाना, इस पुस्तक का यही परिदृश्य है और यह परिदृश्य विराटता का निर्माण करता है।

About Author

– सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' - जन्म: 7 मार्च, 1911 को देवरिया ज़िले के कालिया इलाक़े में, एक शिविर में। प्रारम्भिक शिक्षा जम्मू एवं कश्मीर में। लाहौर में क्रान्तिकारी जीवन की शुरुआत। बाद में दिल्ली में क्रान्तिकारी गतिविधियों का संचालन। अमृतसर में बम कारख़ाना बनाने के लिए पहल करते हुए गिरफ़्तार। जेल से छूटने के बाद क्रान्तिकारी जीवन से संन्यास और साहित्य लेखन एवं पत्रकारिता को पूर्णत: समर्पित। 1965-68 में साप्ताहिक 'दिनमान' का और 1977-79 में 'नवभारत टाइम्स' का सम्पादन। कृतियाँ: 17 कविता-संग्रह, 7 कहानी-संग्रह, 3 उपन्यास, 1 नाटक, 2 यात्रा वृत्त, 3 डायरियाँ तथा अनेक निबन्ध और पत्र-संकलन प्रकाशित। अनेक कृतियों का सम्पादन तथा कई विदेशी कृतियों का अनुवाद। अनेक रचनाएँ अंग्रेजी, जर्मन, स्वीडिश में अनूदित। ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, गोल्डन रीथ अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार आदि अनेक पुरस्कारों से सम्मानित।

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