SaleHardback
Kaale Adhyaay
₹180 ₹179
Save: 1%
Kaatna shami ka Vriksha Padma Pankhuri Ki Dhar Se
₹650 ₹455
Save: 30%
Kaath Ka Sapna
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
गजानन माधव मुक्तिबोध
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
गजानन माधव मुक्तिबोध
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹150 ₹149
Save: 1%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
8126306273
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
128
काठ का सपना –
मुक्तिबोध के जीवन के अन्तिम समय तक उनके द्वारा लिखी गयी कुछेक श्रेष्ठ कहानियों का संग्रह है ‘काठ का सपना’। अभिव्यक्ति के माध्यम के नाते जहाँ कविता हारी वहाँ मुक्तिबोध ने डायरी विधा पकड़ी और जब यह पूरी न पड़ी तब कहानी को अपनाया।
मुक्तिबोध का सारा साहित्य वस्तुतः एक अभिशप्त जीवन जीनेवाले अत्यन्त संवेदनशील सामाजिक व्यक्ति का चिन्तन-विवेचन है; और यह भी कहीं निराले में या किसी अन्य के साथ बैठकर नहीं, अपने पीड़ा-संघर्षों-भरे परिवेश में रहते और अपने से ऊपर उठकर स्वयं अपने से जूझते हुए किया गया है। उनकी ये कहानियाँ इसी बात को रेखांकित करती हैं।
Be the first to review “Kaath Ka Sapna” Cancel reply
Description
काठ का सपना –
मुक्तिबोध के जीवन के अन्तिम समय तक उनके द्वारा लिखी गयी कुछेक श्रेष्ठ कहानियों का संग्रह है ‘काठ का सपना’। अभिव्यक्ति के माध्यम के नाते जहाँ कविता हारी वहाँ मुक्तिबोध ने डायरी विधा पकड़ी और जब यह पूरी न पड़ी तब कहानी को अपनाया।
मुक्तिबोध का सारा साहित्य वस्तुतः एक अभिशप्त जीवन जीनेवाले अत्यन्त संवेदनशील सामाजिक व्यक्ति का चिन्तन-विवेचन है; और यह भी कहीं निराले में या किसी अन्य के साथ बैठकर नहीं, अपने पीड़ा-संघर्षों-भरे परिवेश में रहते और अपने से ऊपर उठकर स्वयं अपने से जूझते हुए किया गया है। उनकी ये कहानियाँ इसी बात को रेखांकित करती हैं।
About Author
गजानन माधव मुक्तिबोध -
जन्म: 13 नवम्बर, 1917, श्योपुर (ग्वालियर)।
शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी), नागपुर विश्वविद्यालय।
एक प्राध्यापक के रूप में उज्जैन, शुजालपुर, इन्दौर, कलकत्ता, मुम्बई, बेंगलुरु, वाराणसी, जबलपुर, नागपुर में थोड़े-थोड़े अरसे रहे। अन्ततः 1958 में दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगाँव में।
भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित कृतियाँ: 'चाँद का मुँह टेढ़ा है', 'एक साहित्यिक की डायरी', 'काठ का सपना', 'विपात्र' और 'सतह से उठता आदमी'।
अन्य प्रकाशन: 'कामायनी : एक पुनर्विचार', 'भारतीय इतिहास और संस्कृति', 'नयी कविता का आत्म संघर्ष तथा अन्य निबन्ध', 'नये साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र'।
निधन : 11 सितम्बर, 1964, नयी दिल्ली।
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Kaath Ka Sapna” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Ganeshshankar Vidyarthi – Volume 1 & 2
Save: 30%
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Purn Safalta ka Lupt Gyan Bhag-1 | Dr.Virindavan Chandra Das
Save: 20%
Reviews
There are no reviews yet.