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Aparadhi
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
कपिल ईसापुरी
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
कपिल ईसापुरी
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹400 ₹280
Save: 30%
In stock
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1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789387919143
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
196
अपराधी –
जीवन, प्रेम, संघर्ष और फिर जीवन का चक्र किस हद तक हमें प्रभावित कर सकते हैं, इसे जानने के लिए ‘अपराधी’ उपन्यास पढ़ा जाना चाहिए। एक व्यक्ति का जीवन किस तरह से तथा किस हद तक अव्याख्येय हो सकता है, इसे देखना हो तो इस उपन्यास को ज़रूर पढ़ना चाहिए।
लेखक ने नौशीद और शिवेन्द्र के माध्यम से न सिर्फ़ दो अलग-अलग समुदायों के युवा वर्ग की बदलती सोच और आपसी तालमेल दिखाकर सामाजिक समरसता की बात की है बल्कि उनके जीवन में आयी विषम परिस्थितियों के बीच उनकी हालातों से लड़ने की जिजीविषा और उससे जीत हासिल करने का विश्वास ही है जो उनके जीवन में फिर से ख़ुशियाँ लाता है।
नौशीद जहाँ एक सुशिक्षित, सुसंस्कारित आत्मनिर्भर युवती है तो शिवेन्द्र नयी सोच वाला ऐसा युवक जो चाहता तो विदेश में भी अपनी कैरियर को बुलिन्दयों के शिखर पर ले जाता, लेकिन उसने देश में ही रहकर यहाँ की प्राकृतिक सम्पदा और जल-जंगल-ज़मीन के संघर्ष में शामिल समाजसेवियों के साथ काम करना चुना। विषम परिस्थितियों में भी जिस मज़बूती के साथ नौशीद शिवेन्द्र के साथ खड़ी दिखती है वह नये जमाने के स्त्री-सशक्तिकरण की मिशाल की तरह है।
इस उपन्यास में बहुत ही सामान्य भाषा और सहज सरल कथा-विन्यास विद्यमान है जो पाठकों को अन्त तक बाँधे रखने में सफल रहा है। इसका साहित्य जगत में खुले मन से स्वागत किया जाना चाहिए।
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Description
अपराधी –
जीवन, प्रेम, संघर्ष और फिर जीवन का चक्र किस हद तक हमें प्रभावित कर सकते हैं, इसे जानने के लिए ‘अपराधी’ उपन्यास पढ़ा जाना चाहिए। एक व्यक्ति का जीवन किस तरह से तथा किस हद तक अव्याख्येय हो सकता है, इसे देखना हो तो इस उपन्यास को ज़रूर पढ़ना चाहिए।
लेखक ने नौशीद और शिवेन्द्र के माध्यम से न सिर्फ़ दो अलग-अलग समुदायों के युवा वर्ग की बदलती सोच और आपसी तालमेल दिखाकर सामाजिक समरसता की बात की है बल्कि उनके जीवन में आयी विषम परिस्थितियों के बीच उनकी हालातों से लड़ने की जिजीविषा और उससे जीत हासिल करने का विश्वास ही है जो उनके जीवन में फिर से ख़ुशियाँ लाता है।
नौशीद जहाँ एक सुशिक्षित, सुसंस्कारित आत्मनिर्भर युवती है तो शिवेन्द्र नयी सोच वाला ऐसा युवक जो चाहता तो विदेश में भी अपनी कैरियर को बुलिन्दयों के शिखर पर ले जाता, लेकिन उसने देश में ही रहकर यहाँ की प्राकृतिक सम्पदा और जल-जंगल-ज़मीन के संघर्ष में शामिल समाजसेवियों के साथ काम करना चुना। विषम परिस्थितियों में भी जिस मज़बूती के साथ नौशीद शिवेन्द्र के साथ खड़ी दिखती है वह नये जमाने के स्त्री-सशक्तिकरण की मिशाल की तरह है।
इस उपन्यास में बहुत ही सामान्य भाषा और सहज सरल कथा-विन्यास विद्यमान है जो पाठकों को अन्त तक बाँधे रखने में सफल रहा है। इसका साहित्य जगत में खुले मन से स्वागत किया जाना चाहिए।
About Author
कपिल ईसापुरी -
जन्म : उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले के एक ग्रामीण परिवार में।
शिक्षा : बी. टेक. (आई.ई.टी., लखनऊ),MJMC (पत्रकारिता), लखनऊ।
सरकारी पद : डिप्टी जेलर के पद पर बरेली, लखनऊ एवं बाराबंकी की जेल पर तैनात रह चुके हैं। वर्तमान में असिस्टेंट कमिश्नर SGST के पद पर उ.प्र. में कार्यरत ।
प्रकाशन : वर्ष 2013 में 'फ़रिश्ता' उपन्यास आया, जो काफ़ी चर्चितरहा। लेखक ने PK फ़िल्म मेकर्स पर कॉपीराइट का केस दिल्लीहाईकोर्ट में कर रखा है। लेखक के अनुसार PK फ़िल्म उन्हीं के उपन्यास पर आधारित है। अब यह उपन्यास भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित किया जा रहा है। वर्ष 2018 में उपन्यास 'अपराधी' भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित।
लेखन: 'बूढ़ा', 'सफ़र का अन्त', 'अभागी' एवं 'पतन' (कहानियाँ); लेखक राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय विषयों के विशेषज्ञ हैं। उनके अन्तर्राष्ट्रीय विषयों पर सैकड़ों आलेख विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रकाशित हो चुके हैं।
सम्मान : एड्स दिवस पर राज्य एड्स नियन्त्रण सोसायटी (2008); लखनऊ द्वारा 'सफ़र का अन्त' (कहानी) को पुरस्कृत किया गया ।
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