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Stree Shatak (Part-1)
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
पवन करण
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
पवन करण
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹400 ₹280
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In stock
ISBN:
SKU
9789326354950
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
216
स्त्री शतक-1
राजमुकुट की मणि तुम मुकुट में अपने
मज़बूती से जड़े होने को तोड़कर
चुपचाप कहीं गिरकर खो जाना
और मिल जाना उसे जो तुम्हें प्रिय अत्यन्त
तुम मुकुट की वे सलाखें जिनमें तुम बस
दमकने के लिए क़ैद तोड़ते वक़्त
अपने पुत्र के मन में उबलते क्रोध
और हाथ में चमचमाते शस्त्र से मत डरना
कि तुम्हारा प्रिय अपने होठ बढ़ाकर
वहाँ नहीं चूम सकता तुम्हें
वह उस वक़्त अपनी बाँहों में
नहीं भर सकता तुम्हें ख़ासकर तब
जब किसी जमदग्नि ने
अपने मुकुट में जड़ रखा हो तुम्हें
राजमुकुट में जड़ी जिन मणियों को
खोया हुआ बताया जाता है, दरअसल
वे खोतीं नहीं कहीं, वे वहाँ से निकलकर
चुपचाप अपना रास्ता ढूँढ लेती हैं। —इसी संग्रह से
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Description
स्त्री शतक-1
राजमुकुट की मणि तुम मुकुट में अपने
मज़बूती से जड़े होने को तोड़कर
चुपचाप कहीं गिरकर खो जाना
और मिल जाना उसे जो तुम्हें प्रिय अत्यन्त
तुम मुकुट की वे सलाखें जिनमें तुम बस
दमकने के लिए क़ैद तोड़ते वक़्त
अपने पुत्र के मन में उबलते क्रोध
और हाथ में चमचमाते शस्त्र से मत डरना
कि तुम्हारा प्रिय अपने होठ बढ़ाकर
वहाँ नहीं चूम सकता तुम्हें
वह उस वक़्त अपनी बाँहों में
नहीं भर सकता तुम्हें ख़ासकर तब
जब किसी जमदग्नि ने
अपने मुकुट में जड़ रखा हो तुम्हें
राजमुकुट में जड़ी जिन मणियों को
खोया हुआ बताया जाता है, दरअसल
वे खोतीं नहीं कहीं, वे वहाँ से निकलकर
चुपचाप अपना रास्ता ढूँढ लेती हैं। —इसी संग्रह से
About Author
पवन करण -
जन्म: 18 जून 1964, ग्वालियर (म.प्र.)।
शिक्षा: पीएच.डी. (हिन्दी) जनसंचार एवं मानव संसाधन विकास में स्नातकोत्तर पत्रोपाद्यि।
प्रकाशन: आठ कविता संग्रह 'इस तरह मैं', 'स्त्री मेरे भीतर', 'अस्पताल के बाहर टेलीफ़ोन', 'कहना नहीं आता', 'कोट के बाजू पर बटन', 'कल की थकान' और 'स्त्री शतक' (दो खंडों में)।
कविता संग्रह 'स्त्री मेरे भीतर' मलयालम, मराठी, ओड़िया, पंजाबी, उर्दू तथा बाँग्ला में प्रकाशित, संग्रह की कविताओं का नाट्यानुवाद एवं मंचन।
'स्त्री मेरे भीतर' का मराठी अनुवाद 'स्त्री माझ्या आत' नांदेड़ विश्वविद्यालय महाराष्ट्र के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में शामिल। इसी अनुवाद पर गाँधी स्मारक निधि नागपुर का अनुवाद पुरस्कार तथा इसके पंजाबी अनुवाद पर वर्ष 2016 का साहित्य अकादमी सम्मान। कई कविताएँ विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रमों में शामिल।
सम्मान: रामविलास शर्मा पुरस्कार, रज़ा पुरस्कार, वागीश्वरी सम्मान, शीला सिद्धान्तकर स्मृति सम्मान, परम्परा ऋतुराज सम्मान, केदार सम्मान, स्पन्दन सम्मान।
नवभारत एवं नई दुनिया ग्वालियर में साहित्यिक पृष्ठ 'सृजन' का सम्पादन। साप्ताहिक साहित्यिक स्तम्भ शब्द-प्रसंग का लेखन।
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