SaleHardback
Jeevanpur Hat Junction
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
अशोक भौमिक
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
अशोक भौमिक
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹300 ₹210
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In stock
ISBN:
SKU
9789326355728
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
183
जीवनपुरहाट जंक्शन –
जीवनपुरहाट जंक्शन एक युवा मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के हवाले से अस्सी के दशक का ऐसा वितान प्रस्तुत करता है जो अब शायद हमारी स्मृतियों से ग़ुम हो चुका है। जीवनपुरहाट जंक्शन स्मृति और आख्यान का ऐसा अप्रतिम समन्वय है, जो लेखक के जीवन में आये ऐसे पात्रों की उपस्थिति को दर्ज करता चलता है जिसे अक्सर हम भुला से देते हैं। लेकिन लेखक के तौर पर अशोक भौमिक ने अपनी इस नवीनतम कृति में उन्हें एक मुक़ाम दिया है। एक नज़र में ये पात्र महत्त्वपूर्ण नहीं लगते लेकिन जैसे-जैसे हम उनको पढ़ते चलते हैं—वे एकाएक लेखक के जीवन में महत्त्वपूर्ण बनते चले जाते हैं। सुरजीत, शरफ़ुद्दीन, आंटी जी, मास्टर जी जैसे न जाने कितने जी चरित्र हैं जो इस पुस्तक में आये हैं और अपनी उपस्थिति से हर बार कुछ नया सबक दे जाते हैं। चूँकि लेखक ख़ुद एक चित्रकार भी हैं इस कारण उनकी भाषा की बारीकियाँ और उसके तहों में लिपटे रंगों का सौन्दर्य सुख पाठकों को अन्त तक बाँधे रखने में सक्षम हैं। जीवनपुरहाट जंक्शन की कुछ कड़ियाँ ‘ज्ञानोदय’ में छपकर चर्चित हो चुकी हैं। अब यह मुक़म्मल रूप में आपके हाथों में है, जिसे स्नेह देना आप ही का काम है।
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Description
जीवनपुरहाट जंक्शन –
जीवनपुरहाट जंक्शन एक युवा मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के हवाले से अस्सी के दशक का ऐसा वितान प्रस्तुत करता है जो अब शायद हमारी स्मृतियों से ग़ुम हो चुका है। जीवनपुरहाट जंक्शन स्मृति और आख्यान का ऐसा अप्रतिम समन्वय है, जो लेखक के जीवन में आये ऐसे पात्रों की उपस्थिति को दर्ज करता चलता है जिसे अक्सर हम भुला से देते हैं। लेकिन लेखक के तौर पर अशोक भौमिक ने अपनी इस नवीनतम कृति में उन्हें एक मुक़ाम दिया है। एक नज़र में ये पात्र महत्त्वपूर्ण नहीं लगते लेकिन जैसे-जैसे हम उनको पढ़ते चलते हैं—वे एकाएक लेखक के जीवन में महत्त्वपूर्ण बनते चले जाते हैं। सुरजीत, शरफ़ुद्दीन, आंटी जी, मास्टर जी जैसे न जाने कितने जी चरित्र हैं जो इस पुस्तक में आये हैं और अपनी उपस्थिति से हर बार कुछ नया सबक दे जाते हैं। चूँकि लेखक ख़ुद एक चित्रकार भी हैं इस कारण उनकी भाषा की बारीकियाँ और उसके तहों में लिपटे रंगों का सौन्दर्य सुख पाठकों को अन्त तक बाँधे रखने में सक्षम हैं। जीवनपुरहाट जंक्शन की कुछ कड़ियाँ ‘ज्ञानोदय’ में छपकर चर्चित हो चुकी हैं। अब यह मुक़म्मल रूप में आपके हाथों में है, जिसे स्नेह देना आप ही का काम है।
About Author
अशोक भौमिक -
31 जुलाई, 1953 को नागपुर में जन्मे अशोक भौमिक देश के मशहूर चित्रकारों में से एक हैं। पिछले चार दशकों में देश-विदेश में इनकी कई एकल चित्र प्रदर्शनियाँ लगी और सराही गयी। बहुमुखी प्रतिभा के धनी अशोक भौमिक साहित्यकार, रंगकर्मी और मूर्तिकार भी हैं। इनकी शिक्षा लखनऊ, कानपुर में हुई। काम के सिलसिले में आज़मगढ़ और इलाहाबाद के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाँवों-क़स्बों से गहरा नाता रहा।
सत्तर और अस्सी के दशक के राजनैतिक कविता पोस्टर आन्दोलन से सघन रूप से जुड़े अशोक भौमिक पोस्टर को एक कला के रूप में स्थापित करने की दिशा में सक्रिय रहे हैं। इधर के दिनों में अशोक भौमिक छोटे-छोटे शहरों और क़स्बों में अपनी प्रभावशाली प्रस्तुतियों के माध्यम से चित्तप्रसाद, जैनुल आबेदिन, कमरुल हसन, सोमनाथ होर सादेकैन सरीखे प्रगतिशील चित्रकारों को जनता से परिचित करने के महत्त्वपूर्ण काम में निरन्तर जुटे हुए हैं।
'आइस-पाइस' (कहानी-संग्रह), 'बादल सरकार : व्यक्ति और रंगमंच' (जीवनी), 'मोनालिसा हँस रही थी', 'शिप्रा एक नदी का नाम है' (उपन्यास), 'समकालीन भारतीय कला : हुसैन के बहाने' (कला पर लेखों का संग्रह), 'अकाल की कला और जैनुल आबेदिन' (जीवनी) और 'ज़ीरो लाइन पर गुलज़ार' आदि अशोक भौमिक की अन्य प्रकाशित पुस्तकें हैं। फ़िलहाल अशोक भौमिक, रवीन्द्रनाथ ठाकुर और चित्तप्रसाद की चित्रकला पर दो महत्त्वपूर्ण पुस्तकों पर काम कर रहे हैं।
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