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Bharatiya Swatantrata Aandolan Mein Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
अमित जैन
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
अमित जैन
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹300 ₹210
Save: 30%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789326352345
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
228
भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तर प्रदेश जैन समाज का योगदान
भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन विश्व के इतिहास में अभूतपूर्व घटना थी। इस आन्दोलन ने दिखा दिया कि भारत के नागरिक अपने देश के लिए किस हद तक जाकर स्वाधीनता के लिए योगदान कर सकते हैं। इस आन्दोलन में सभी धर्मों एवं वर्गों ने बढ़-चढ़ कर ब्रिटिश सरकार का विरोध किया। इस पुनीत कार्य में जैन समाज भी पीछे नहीं रहा ।
उत्तर प्रदेश में जैन समाज ने आगे आकर असहयोग, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया तथा जेलों की यातनाएँ सहीं। जैन पत्रकारों ने भी अपनी लेखनी से विदेशी शासन का विरोध किया। सभी वर्गों के दृढ़ संकल्प और संयुक्त प्रयासों से ही हमारा देश आजाद हुआ।
प्रस्तुत शोध पुस्तक में लेखक ने उत्तरप्रदेश के अनेक स्वतन्त्रता सेनानियों का उल्लेख तो किया ही है, साथ ही उनका भी प्रामाणिक परिचय देने का प्रयास किया है जो आज देश एवं समाज की नज़रों से बहुत दूर बने हुए हैं। निःसन्देह ऐसे वीर जैन स्वतन्त्रता सेनानियों की जानकारी पाठक गणों के लिए रोचक एवं प्रेरणादायक होगी।
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Description
भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तर प्रदेश जैन समाज का योगदान
भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन विश्व के इतिहास में अभूतपूर्व घटना थी। इस आन्दोलन ने दिखा दिया कि भारत के नागरिक अपने देश के लिए किस हद तक जाकर स्वाधीनता के लिए योगदान कर सकते हैं। इस आन्दोलन में सभी धर्मों एवं वर्गों ने बढ़-चढ़ कर ब्रिटिश सरकार का विरोध किया। इस पुनीत कार्य में जैन समाज भी पीछे नहीं रहा ।
उत्तर प्रदेश में जैन समाज ने आगे आकर असहयोग, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया तथा जेलों की यातनाएँ सहीं। जैन पत्रकारों ने भी अपनी लेखनी से विदेशी शासन का विरोध किया। सभी वर्गों के दृढ़ संकल्प और संयुक्त प्रयासों से ही हमारा देश आजाद हुआ।
प्रस्तुत शोध पुस्तक में लेखक ने उत्तरप्रदेश के अनेक स्वतन्त्रता सेनानियों का उल्लेख तो किया ही है, साथ ही उनका भी प्रामाणिक परिचय देने का प्रयास किया है जो आज देश एवं समाज की नज़रों से बहुत दूर बने हुए हैं। निःसन्देह ऐसे वीर जैन स्वतन्त्रता सेनानियों की जानकारी पाठक गणों के लिए रोचक एवं प्रेरणादायक होगी।
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