Devaki
Publisher:
| Author:
| Language:
| Format:
Publisher:
Author:
Language:
Format:
₹150 ₹149
Save: 1%
In stock
Ships within:
In stock
Page Extent:
देवकी –
लेखक जब व्यक्ति सीमा लाँघकर सार्वजनिक सत्य की तलाश करता है तब साहित्य महिमामय हो उठता है। ओड़िया लेखिका प्रतिभा राय के कथा-लेखन के सन्दर्भ में यह बात सर्वथा सही प्रतीत होती है। उनकी कहानियाँ कल्पना की कोरी क्रीड़ा या भावविलास न होकर पूर्णतः जीवनधर्मी हैं। इन्हें पढ़ते समय हमें एक हल्का सा झटका महसूस होता है—बिजली का सा झटका, जो क्षणिक होकर भी हमारे हृदय पर स्थायी प्रभाव छोड़ जाता है; हमारी चेतना की अलसायी सत्ता को झकझोर जाता है।
इस संग्रह में प्रस्तुत कहानियों की विभिन्न घटनाओं से लेखिका का प्रत्यक्ष या परोक्ष सम्बन्ध रहा है। दूसरे शब्दों में, कहानियाँ उनकी अन्तरंग अनुभूतियों से जुड़ी हुई हैं। इसलिए इन कहानियों में भले ही जीवन के निष्ठुर सत्य और उससे उपजी विडम्बनाओं का चित्रण है, किन्तु शिवम् और सुन्दरम् की मनोभूमि में प्रतिबिम्बित होने के कारण वह हमें एक उदात्त एवं सुसंस्कृत दृष्टि प्रदान करता है। पाठकों को समर्पित है ‘देवकी’ का नवीनतम संस्करण, नये रूपाकार में नयी साज-सज्जा के साथ।
देवकी –
लेखक जब व्यक्ति सीमा लाँघकर सार्वजनिक सत्य की तलाश करता है तब साहित्य महिमामय हो उठता है। ओड़िया लेखिका प्रतिभा राय के कथा-लेखन के सन्दर्भ में यह बात सर्वथा सही प्रतीत होती है। उनकी कहानियाँ कल्पना की कोरी क्रीड़ा या भावविलास न होकर पूर्णतः जीवनधर्मी हैं। इन्हें पढ़ते समय हमें एक हल्का सा झटका महसूस होता है—बिजली का सा झटका, जो क्षणिक होकर भी हमारे हृदय पर स्थायी प्रभाव छोड़ जाता है; हमारी चेतना की अलसायी सत्ता को झकझोर जाता है।
इस संग्रह में प्रस्तुत कहानियों की विभिन्न घटनाओं से लेखिका का प्रत्यक्ष या परोक्ष सम्बन्ध रहा है। दूसरे शब्दों में, कहानियाँ उनकी अन्तरंग अनुभूतियों से जुड़ी हुई हैं। इसलिए इन कहानियों में भले ही जीवन के निष्ठुर सत्य और उससे उपजी विडम्बनाओं का चित्रण है, किन्तु शिवम् और सुन्दरम् की मनोभूमि में प्रतिबिम्बित होने के कारण वह हमें एक उदात्त एवं सुसंस्कृत दृष्टि प्रदान करता है। पाठकों को समर्पित है ‘देवकी’ का नवीनतम संस्करण, नये रूपाकार में नयी साज-सज्जा के साथ।
About Author
Reviews
There are no reviews yet.
Reviews
There are no reviews yet.