SaleHardback
Bhavabhooti
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
अमृता भारती
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
अमृता भारती
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹250 ₹175
Save: 30%
In stock
Ships within:
10-12 Days
In stock
ISBN:
SKU
9788126340880
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
318
भवभूति –
संस्कृत साहित्य के कालजयी रचनाकार भवभूति पर केन्द्रित इस पुस्तक में भवभूति के जीवन और रचना कर्म का, पूरी समग्रता के साथ, सार्थक एवं सर्जनात्मक विवेचन है। अपनी इस विवेचना में डॉ. अमृता भारती ने भवभूति का ऐसा प्रभावी चित्र प्रस्तुत किया है जिसमें उनके जीवन की पूर्णता और प्रकाशमयता अभिव्यंजित है; उस पहचान का संस्पर्श है, जहाँ से भवभूति की कविता ने रूपता ग्रहण की तथा अपने अन्तर और बाह्य-जगत् को सादृश्य-सारूप्य बनाये रखते हुए, अपनी रचनाओं में प्रकट किया। पुस्तक में भवभूति के जीवन, व्यक्तित्व तथा उनके परिवेश और पाण्डित्य को सघनता और तार्किकता के साथ उजागर करने के साथ ही भवभूतिकालीन भारत के भूगोल, समाज, संस्कृति, धर्म, दर्शन, राज्य एवं राजनीति का शोधपूर्ण प्रामाणिक विवेचन है। इसमें नाटककार भवभूति के सर्जनात्मक अवदान का भी विश्लेषण है। अमृता भारती ने कला-प्रतिमानों के परिप्रेक्ष्य में, भवभूति के तीनों यशस्वी नाटकों ‘महावीर-चरित’, ‘मालती-माधव’ एवं ‘उत्तररामचरित’—में कथावस्तु के विकास, चरित्र-चित्रण, रस-सिद्धि, छन्द-विधान, अलंकार-योजना, भाषा एवं शैली-शिल्प आदि की गम्भीर विवेचना की है। अपने विषय-क्षेत्र की इस महत्त्वपूर्ण पुस्तक में सुधी अध्येताओं के लिए बहुआयामी भवभूति-अध्ययन एक बड़े फलक पर प्रस्तुत है।
Be the first to review “Bhavabhooti” Cancel reply
Description
भवभूति –
संस्कृत साहित्य के कालजयी रचनाकार भवभूति पर केन्द्रित इस पुस्तक में भवभूति के जीवन और रचना कर्म का, पूरी समग्रता के साथ, सार्थक एवं सर्जनात्मक विवेचन है। अपनी इस विवेचना में डॉ. अमृता भारती ने भवभूति का ऐसा प्रभावी चित्र प्रस्तुत किया है जिसमें उनके जीवन की पूर्णता और प्रकाशमयता अभिव्यंजित है; उस पहचान का संस्पर्श है, जहाँ से भवभूति की कविता ने रूपता ग्रहण की तथा अपने अन्तर और बाह्य-जगत् को सादृश्य-सारूप्य बनाये रखते हुए, अपनी रचनाओं में प्रकट किया। पुस्तक में भवभूति के जीवन, व्यक्तित्व तथा उनके परिवेश और पाण्डित्य को सघनता और तार्किकता के साथ उजागर करने के साथ ही भवभूतिकालीन भारत के भूगोल, समाज, संस्कृति, धर्म, दर्शन, राज्य एवं राजनीति का शोधपूर्ण प्रामाणिक विवेचन है। इसमें नाटककार भवभूति के सर्जनात्मक अवदान का भी विश्लेषण है। अमृता भारती ने कला-प्रतिमानों के परिप्रेक्ष्य में, भवभूति के तीनों यशस्वी नाटकों ‘महावीर-चरित’, ‘मालती-माधव’ एवं ‘उत्तररामचरित’—में कथावस्तु के विकास, चरित्र-चित्रण, रस-सिद्धि, छन्द-विधान, अलंकार-योजना, भाषा एवं शैली-शिल्प आदि की गम्भीर विवेचना की है। अपने विषय-क्षेत्र की इस महत्त्वपूर्ण पुस्तक में सुधी अध्येताओं के लिए बहुआयामी भवभूति-अध्ययन एक बड़े फलक पर प्रस्तुत है।
About Author
अमृता भारती -
जन्म: नजीबाबाद (उ.प्र.)।
शिक्षा: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से संस्कृत साहित्य में एम.ए., पीएच.डी.। भारतीय काव्यशास्त्र का विशेष अध्ययन। मुम्बई और दिल्ली में कुछ वर्षों तक प्राध्यापन।
प्रकाशित कृतियाँ: कविता-संग्रह: 'मन रुक गया वहाँ', 'मैं तट पर हूँ', 'मिट्टी पर साथ-साथ', 'आज या कल या सौ बरस बाद', 'मैंने नहीं लिखी कविता' और 'सन्नाटे में दूर तक' तथा एक गद्य-संकलन: 'प्रसंगतः' तथा 'भवभूति'। श्री अरविन्द की कविता का अनुवाद। 87 सॉनेट शीघ्र प्रकाश्य।
बैंगलुरु के वैज्ञानिक डॉ. एच.आर. नागेन्द्र के साथ 'प्राण' पर चल रहे एक 'रिसर्च प्रोजेक्ट' में सहयोग।
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Bhavabhooti” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Ganeshshankar Vidyarthi – Volume 1 & 2
Save: 30%
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Purn Safalta ka Lupt Gyan Bhag-1 | Dr.Virindavan Chandra Das
Save: 20%
Sacred Books of the East (50 Vols.)
Save: 10%
Reviews
There are no reviews yet.