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Seedhiyon Ka Bazar

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
मुक्ता
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
मुक्ता
Language:
Hindi
Format:
Hardback

89

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Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 8126312297 Category
Category:
Page Extent:
112

सीढ़ियों का बाज़ार –
मुक्ता की कहानियाँ अपने खरे रूप में समकालीनता की कहानियाँ हैं। उनका कथा-संसार भावनात्मक कशमकश और गहरे अन्तर्द्वन्द्रों की अभिव्यक्ति है। यह भाव-बोध यथार्थ-भेदन का अस्त्र भी है जिसके माध्यम से ये कहानियाँ यथार्थ के पार भी देख रही होती हैं। पुरुष और स्त्री यहाँ नारों में नहीं हैं, वे जीवन के गतिशील प्रवाह के साझेदार हैं।
मुक्ता की कहानियों के पात्र पीड़ा और छटपटाहट झेलती स्त्रियाँ हैं, लेकिन वे विवश नहीं हैं, वे सूर्य को सम्बोधित करती स्त्रियाँ हैं। ये कहानियाँ अपनी सामाजिक संरचना और समय के वर्तमान दूषित परिवेश में हाशिये की ज़िन्दगी जी रहे सामाजिक न्याय से वंचित जन की पीड़ा और संघर्ष को भी रेखांकित करती हैं। साथ ही उनकी अधिकार-चेतना के प्रति मुखर हैं।
मुक्ता की इन कहानियों की एक अन्य विशेषता है—अनुभवों की विविधता। भाषा की निजता और सौन्दर्य लिए ये कहानियाँ लय की तरह खुलती जाती हैं।

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Description

सीढ़ियों का बाज़ार –
मुक्ता की कहानियाँ अपने खरे रूप में समकालीनता की कहानियाँ हैं। उनका कथा-संसार भावनात्मक कशमकश और गहरे अन्तर्द्वन्द्रों की अभिव्यक्ति है। यह भाव-बोध यथार्थ-भेदन का अस्त्र भी है जिसके माध्यम से ये कहानियाँ यथार्थ के पार भी देख रही होती हैं। पुरुष और स्त्री यहाँ नारों में नहीं हैं, वे जीवन के गतिशील प्रवाह के साझेदार हैं।
मुक्ता की कहानियों के पात्र पीड़ा और छटपटाहट झेलती स्त्रियाँ हैं, लेकिन वे विवश नहीं हैं, वे सूर्य को सम्बोधित करती स्त्रियाँ हैं। ये कहानियाँ अपनी सामाजिक संरचना और समय के वर्तमान दूषित परिवेश में हाशिये की ज़िन्दगी जी रहे सामाजिक न्याय से वंचित जन की पीड़ा और संघर्ष को भी रेखांकित करती हैं। साथ ही उनकी अधिकार-चेतना के प्रति मुखर हैं।
मुक्ता की इन कहानियों की एक अन्य विशेषता है—अनुभवों की विविधता। भाषा की निजता और सौन्दर्य लिए ये कहानियाँ लय की तरह खुलती जाती हैं।

About Author

मुक्ता - जन्म: 8 जून, 1954 मथुरा (उ.प्र.)। शिक्षा: बी.एच.यू. से बैचलर ऑफ़ फार्मेसी तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रवीण (कथक)। उत्तर प्रदेश के विभिन्न राजकीय पॉलिटेकनिक संस्थानों में अध्यापन कार्य। सम्प्रति 'नया मानदंड' की सम्पादक, 'कहानीकार' को संयुक्त सम्पादक तथा आचार्य रामचन्द्र शुक्ल साहित्य शोध संस्थान, वाराणसी की सहनिदेशक। प्रमुख कृतियाँ: 'पलाश वन के घुँघरू', 'आधा कोस', 'इस घर उस घर'(कहानी-संग्रह); 'प्रेम खुदे हुए शब्द तो नहीं', 'जाने क्यों बार-बार ' (कविता संग्रह); 'आचार्य रामचन्द्र शुक्ल व्यक्ति और कृति' (जीवनी); 'सदी के अन्त में हिन्दी', 'उत्तर-आधुनिकता : उत्तर संवाद', 'स्त्री संशब्द : विवेक और विभ्रम' (सम्पादन)। डॉ. कैलाश वाजपेयी द्वारा सम्पादित 'ऐन एन्थोलाजी ऑफ़ माडर्न हिन्दी पोयट्री' में संकलित कविता तथा ओड़िया, बांग्ला, पंजाबी, हिन्दी, उर्दू एवं अंग्रेज़ी में कहानियों के अनुवाद, बांग्ला में अनूदित कहानियों का एक संग्रह 'शॅहोर जोल छे' प्रकाशित। कई देशों की साहित्यिक यात्राएँ। पुरस्कार-सम्मान: 'आधा कोस' कहानी-संग्रह के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से पुरस्कृत, 'डॉ. अम्बेडकर विशिष्ट सेवा सम्मान', 'भारती सम्मान', 'इस्क्लो सम्मान', 'काशीरत्न' आदि अनेक सम्मान पुरस्कार प्राप्त। अमेरिकन बायोग्राफ़िकल इंस्टीट्यूट द्वारा 'वुमन ऑफ़ द इयर' (2002) से अलंकृत।

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