Terah Halafnaame

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
अलका सरावगी, अनुवाद अलका सरावगी
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
अलका सरावगी, अनुवाद अलका सरावगी
Language:
Hindi
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Hardback

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192

तेरह हलफ़नामे –

ये कहानियाँ औरतों की लिखी हुई हैं। भारत महादेश के दक्षिण, पश्चिम, पूर्व और उत्तर की दिशाओं की औरतों की। पर इन्हें जोड़नेवाला सूत्र सिर्फ यही नहीं है, इनमें कहानी की विधा को दिल के आर-पार ले जानेवाली करुणा, विस्मय और पीड़ा के साथ चौंकानेवाली ज़िन्दगियों के हलफ़नामे भी हैं।

भारतीय लेखिकाओं का यह कहानी संग्रह ‘कथा’ द्वारा सन् 1998 में अंग्रेज़ी में सेपरेट जर्नी के नाम से प्रकाशित हुआ था। कुछ कहानियाँ मेरी रुचि के अनुसार बदली गयीं। उर्दू और बांग्ला कहानियों का अनुवाद मैंने अंग्रेज़ी से न करके सीधे उन्हीं भाषाओं से किया। स्वयं एक लेखिका होने के नाते इन पिछली पीढ़ी की कहानियों ने मुझे जिस तरह समृद्ध किया, मुझे यकीन है कि पाठकों को वैसा ही अनुभव होगा।

– भूमिका से

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Description

तेरह हलफ़नामे –

ये कहानियाँ औरतों की लिखी हुई हैं। भारत महादेश के दक्षिण, पश्चिम, पूर्व और उत्तर की दिशाओं की औरतों की। पर इन्हें जोड़नेवाला सूत्र सिर्फ यही नहीं है, इनमें कहानी की विधा को दिल के आर-पार ले जानेवाली करुणा, विस्मय और पीड़ा के साथ चौंकानेवाली ज़िन्दगियों के हलफ़नामे भी हैं।

भारतीय लेखिकाओं का यह कहानी संग्रह ‘कथा’ द्वारा सन् 1998 में अंग्रेज़ी में सेपरेट जर्नी के नाम से प्रकाशित हुआ था। कुछ कहानियाँ मेरी रुचि के अनुसार बदली गयीं। उर्दू और बांग्ला कहानियों का अनुवाद मैंने अंग्रेज़ी से न करके सीधे उन्हीं भाषाओं से किया। स्वयं एक लेखिका होने के नाते इन पिछली पीढ़ी की कहानियों ने मुझे जिस तरह समृद्ध किया, मुझे यकीन है कि पाठकों को वैसा ही अनुभव होगा।

– भूमिका से

About Author

अलका सरावगी - अलका सरावगी का जन्म 17 नवम्बर, 1960 को कलकत्ता में हुआ। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से कवि रघुवीर सहाय पर पीएच.डी. की है। उनके पहले उपन्यास कलिकथा वाया बाइपास पर उन्हें साहित्य अकादेमी पुरस्कार (2001) प्राप्त हुआ। यह उपन्यास अनेक भारतीय भाषाओं के अलावा इटालियन, फ्रेंच, जर्मन, स्पैनिश भाषाओं में अनूदित हुआ और भारत एवं कैम्ब्रिज, ट्यूरिन, नेपल्स के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल है। उनके अन्य उपन्यास हैं- शेष कादम्बरी (के.के. बिरला फाउंडेशन का बिहारी सम्मान), कोई बात नहीं, एक ब्रेक के बाद, जानकीदास तेजपाल मैंशन (अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान), एक सच्ची झूठी गाथा और कुलभूषण का नाम दर्ज कीजिए (कलिंगा लिटफेस्ट का बुक ऑफ़ द ईयर अवार्ड-2021, वैली ऑफ़ वर्ज, देहरादून का अवार्ड-2021)। उनके दो कहानी संग्रह कहानी की तलाश में और दूसरी कहानी हैं। उन्होंने वेनिस विश्वविद्यालय में एक कोर्स का अध्यापन किया। फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, नॉर्वे, मॉरिशस में अनेक बार पुस्तक मेलों और साहित्यिक सेमिनार में भारत का प्रतिनिधित्व किया। तीन उपन्यासों के इतालवी भाषा में प्रकाशित होने पर उन्हें इटली की सरकार द्वारा 'ऑर्डर ऑफ़ द स्टार ऑफ इटली - कैवेलियर' का सम्मान दिया गया। ई-मेल : alkasaraogi@gmail.com

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