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Anya Se Ananya
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
प्रभा खेतान
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
प्रभा खेतान
Language:
Hindi
Format:
Paperback
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ISBN:
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9789388684927
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
288
“प्रभा खेतान ‘अन्या’ हैं, ‘दूसरी औरत’ हैं और उसी पुरुष के द्वारा हाशिये पर रखी जाती हैं जिससे वह सबसे ज़्यादा प्रेम करती हैं। ‘अन्या से अनन्या’ स्त्री के हाशिये से केन्द्र में आने की कथा है जिसमें वह बबूल के काँटे चबाकर अपने ‘होने’ को ‘अर्थपूर्ण होने’ में रूपान्तरित करती दिखती हैं। पितृसत्ता से विद्रोह करते हुए भी भारतीय स्थितियों में यह स्त्री मुक्ति और विवशता के बीच बहती एक बेचैन नदी है!” -शंभुनाथ
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Description
“प्रभा खेतान ‘अन्या’ हैं, ‘दूसरी औरत’ हैं और उसी पुरुष के द्वारा हाशिये पर रखी जाती हैं जिससे वह सबसे ज़्यादा प्रेम करती हैं। ‘अन्या से अनन्या’ स्त्री के हाशिये से केन्द्र में आने की कथा है जिसमें वह बबूल के काँटे चबाकर अपने ‘होने’ को ‘अर्थपूर्ण होने’ में रूपान्तरित करती दिखती हैं। पितृसत्ता से विद्रोह करते हुए भी भारतीय स्थितियों में यह स्त्री मुक्ति और विवशता के बीच बहती एक बेचैन नदी है!” -शंभुनाथ
About Author
जन्म: 1 नवम्बर, 1942 शिक्षा: एम.ए. पी-एच.डी. (दर्शनशास्त्र) प्रकाशित कृतियाँ उपन्यास: आओ पेपे घर चलें !, छिन्नमस्ता, पीली आँधी, अग्निसंभवा, तालाबंदी, अपने-अपने चेहरे। कविता: अपरिचित उजाले, सीढ़ियाँ चढ़ती हुई मैं, एक और आकाश की खोज में, कृष्ण धर्मा मैं, हुस्न बानो और अन्य कविताएँ, अहल्या। चिंतन: उपनिवेश में स्त्री, सार्त्र का अस्तित्ववाद, शब्दों का मसीहा: सार्त्र, अल्बेयर कामू: वह पहला आदमी। अनुवाद: साँकलों में कैद कुछ क्षितिज (कुछ दक्षिण अफ्रीकी कविताएँ), स्त्री: उपेक्षिता (सीमोन द बोउवार की विश्व-प्रसिद्ध कृति ‘द सेकंड सेक्स’)। संपादन: एक और पहचान, ‘हंस’ का स्त्री विशेषांक भूमंडलीकरण: पितृसत्ता के नये रूप। निधन: 20 सितम्बर, 2008।
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