SaleHardback
Romeo Juliet Aur Andhera
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
यान ओत्वेनाशेक, अनुवाद - निर्मल वर्मा
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
यान ओत्वेनाशेक, अनुवाद - निर्मल वर्मा
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹395 ₹277
Save: 30%
In stock
Ships within:
10-12 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789350001646
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
254
यान ओत्वेनाशेक का प्रसिद्ध उपन्यास रोमियो जूलियट और अँधेरा सन् 1958 में चेक भाषा में लिखा गया था और मात्र 6 वर्ष बाद सन् 1964 में इसका मूल चेक से हिन्दी में निर्मल वर्मा द्वारा अनुवाद प्रकाशित भी हो गया था।
द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में किशोर वय के प्रेमियों की कोमल-करुण गाथा शुरू होती है, जिसमें ईसाई लड़का एक यहूदी लड़की को अपने पढ़ने की कोठरी में छिपा देता है, ताकि वह कांसन्ट्रेशन कैंप भेजे जाने से बच जाये। धीरे-धीरे कोठरी से बाहर का जीवन कोठरी के भीतर के जीवन से इतना घुल-मिल जाते हैं कि एक ही प्रश्न बचा रहता है-स्वतन्त्रता क्या है? पृथ्वी पर जीवन के मानी क्या हैं? हिन्दी साहित्य में पहले-पहल यहूदी नर-संहार की पीठिका निर्मल वर्मा के चेक अनुवादों ने ही बनायी – यहाँ यह लक्षित करना आवश्यक जान पड़ता है।
Be the first to review “Romeo Juliet Aur Andhera” Cancel reply
Description
यान ओत्वेनाशेक का प्रसिद्ध उपन्यास रोमियो जूलियट और अँधेरा सन् 1958 में चेक भाषा में लिखा गया था और मात्र 6 वर्ष बाद सन् 1964 में इसका मूल चेक से हिन्दी में निर्मल वर्मा द्वारा अनुवाद प्रकाशित भी हो गया था।
द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में किशोर वय के प्रेमियों की कोमल-करुण गाथा शुरू होती है, जिसमें ईसाई लड़का एक यहूदी लड़की को अपने पढ़ने की कोठरी में छिपा देता है, ताकि वह कांसन्ट्रेशन कैंप भेजे जाने से बच जाये। धीरे-धीरे कोठरी से बाहर का जीवन कोठरी के भीतर के जीवन से इतना घुल-मिल जाते हैं कि एक ही प्रश्न बचा रहता है-स्वतन्त्रता क्या है? पृथ्वी पर जीवन के मानी क्या हैं? हिन्दी साहित्य में पहले-पहल यहूदी नर-संहार की पीठिका निर्मल वर्मा के चेक अनुवादों ने ही बनायी – यहाँ यह लक्षित करना आवश्यक जान पड़ता है।
About Author
यान ओत्वेनाशेक
चेकोस्लोवाकिया में जन्मे यान ओत्वेनाशेक (1924- 1979) अपने देश के अग्रणी कथाकार थे। यान ओत्वेनाशेक ने अपनी समूची व्यक्ति सत्ता से उस विभीषिका और वर्वरता को जिया, दूसरे महायुद्ध के दौरान जिसने सम्पूर्ण यूरोप को अपनी चपेट में ले लिया था। यान ओत्वेनाशेक की प्रस्तुति कृति के विश्व की लगभग दो दर्जन प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं। हिन्दी में इसे सीधे चेक भाषा से अनूदित करने का कार्य प्रख्यात हिन्दी कथाकार निर्मल वर्मा ने किया है।
निर्मल वर्मा (1929-2005) भारतीय मनीषा की उस उज्ज्वल परम्परा के प्रतीक पुरुष हैं, जिनके जीवन में कर्म, चिन्तन और आस्था के बीच कोई फाँक नहीं रह जाती। कला का मर्म जीवन का सत्य बन जाता है और आस्था की चुनौती जीवन की कसौटी। उनके रचनाकार का सबसे महत्त्वपूर्ण दशक, साठ का दशक, चेकोस्लोवाकिया के विदेश प्रवास में बीता। अपने लेखन में उन्होंने न केवल मनुष्य के दूसरे मनुष्यों के साथ सम्बन्धों की चीर-फाड़ की, वरन उसकी सामाजिक, राजनीतिक भूमिका क्या हो, तेज़ी से बदलते जाते हमारे आधुनिक समय में एक प्राचीन संस्कृति के वाहक के रूप में उसके आदर्शों की पीठिका क्या हो, इन सब प्रश्नों का भी सामना किया। अपने जीवन काल में निर्मल वर्मा साहित्य के लगभग सभी श्रेष्ठ सम्मानों से समादृत हुए। अक्टूबर 2005 में निधन के समय निर्मल वर्मा भारत सरकार द्वारा औपचारिक रूप से नोबेल पुरस्कार के लिए नामित थे।
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Romeo Juliet Aur Andhera” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Purn Safalta ka Lupt Gyan Bhag-1 | Dr.Virindavan Chandra Das
Save: 20%
Reviews
There are no reviews yet.