Sudin

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
शशांक
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
शशांक
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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SKU 9789387889415 Category
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264

‘नल न होता तो बात न होती। बिल न होता तो बात न होती। बस, जम्हाइयाँ। केवल वही होतीं। धूप का रंग रूखा होने लगता। दीवार पर जमे-जमे। इन्हीं रँगी हुई दीवारों पर अचानक बन्दर आने लगते । धपू-धम्! वे ऊँचे पेड़ की डगाल पर सबसे पहले दिखलाई पड़ते। पेड़ सिहर जाता। सोते हुए आदमी टूटी नींद से सिहरन ले आता है। डगाल मगर खुशी से लचकती। वे उन पर झूला झूलते। मुहल्ले की ऊँची छतों पर वे फैल जाते। सिनेमाघर की सबसे ऊँची छत पर मोटा गठीला बन्दर पेट में अपनी टाँग दाबे चारों तरफ़ सिर घुमा-घुमाकर देखता है। वह घुटनों को अपने काले हाथों से सहलाता है। कुछ बन्दर उसके आसपास गुलाटियाँ खाते। सधी लय में। वह चुपचाप उन्हें चौकन्ना देखता।

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Description

‘नल न होता तो बात न होती। बिल न होता तो बात न होती। बस, जम्हाइयाँ। केवल वही होतीं। धूप का रंग रूखा होने लगता। दीवार पर जमे-जमे। इन्हीं रँगी हुई दीवारों पर अचानक बन्दर आने लगते । धपू-धम्! वे ऊँचे पेड़ की डगाल पर सबसे पहले दिखलाई पड़ते। पेड़ सिहर जाता। सोते हुए आदमी टूटी नींद से सिहरन ले आता है। डगाल मगर खुशी से लचकती। वे उन पर झूला झूलते। मुहल्ले की ऊँची छतों पर वे फैल जाते। सिनेमाघर की सबसे ऊँची छत पर मोटा गठीला बन्दर पेट में अपनी टाँग दाबे चारों तरफ़ सिर घुमा-घुमाकर देखता है। वह घुटनों को अपने काले हाथों से सहलाता है। कुछ बन्दर उसके आसपास गुलाटियाँ खाते। सधी लय में। वह चुपचाप उन्हें चौकन्ना देखता।

About Author

शशांक 18 अक्टूबर 1953 को ग्राम सरवा, कानपुर में जन्म। जीव विज्ञान, व्यावहारिक मनोविज्ञान और पत्रकारिता में शिक्षा | रायरसन विश्वविद्यालय, कनाडा द्वारा कोटा में विकास प्रसारण का विशेष प्रशिक्षण। फैलोशिप : रीजनल कॉलेज, भोपाल में यूजीसी द्वारा मनोविज्ञान में फैलोशिप संस्कृति विभाग, म.प्र. द्वारा कहानी लेखन के लिए गजानन माधव मुक्तिबोध फैलोशिप। कहानी संग्रह : कमन्द, उन्नीस साल का लड़का, कोसाफल, पर्व, शामिल बाजा, सुदिन, प्रतिनिधि कहानियाँ। डायरी व संवाद संग्रह : कहानी के पास। म.प्र. की लोक कथाओं पर एक किताब सड़क नाटक 'जैसे हम लोग'। इसकी अनेक प्रस्तुतियाँ। साहित्य पत्रिका 'वसुधा' के सम्पादन मण्डल में 1984 से 1988 तक। दूरदर्शन की इण्डियन क्लासिक श्रृंखला में 'उन्नीस साल का लड़का' कहानी पर फ़िल्म। डाक्यूमेण्टरी ‘शशांक का रचना संसार' दो भागों में। तुई विल्गन वि.वि., जर्मनी में एकाग्र संचयन। सम्मान : वागीश्वरी, वनमाली स्मृति, हरिशंकर परसाई स्मृति, प्रेमचन्द स्मृति, भोपाल शहर नागरिक सम्मान, भारत भाषा सम्मान । पेण्टिंग : रेखांकन एवं पेंटिंग की एकल प्रदर्शनी, ललित कला अकादमी लखनऊ में । भारतीय प्रसारण सेवा के अन्तर्गत दूरदर्शन से अपर महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त । ई-मेल : shashank.bhopal18@gmail.com सम्पर्क : 41, आकाश नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, भोपाल-462003 (म.प्र.)

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