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Rashtrapita Aur Bhagat Singh
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
सुजाता
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
सुजाता
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹150 ₹149
Save: 1%
In stock
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1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789388684293
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
102
‘शहीदे आजम भगत सिंह को फाँसी क्यों दी गयी? कब दी गयी? उनकी विचारधारा क्या थी? ऐसी ढेर सारी बातें बहुत लोगों को नहीं मालूम पर यह पता है कि भगत सिंह की फाँसी की सजा को महात्मा गाँधी चाहते तो रुकवा सकते थे लेकिन उन्होंने नहीं रुकवाया। महत्त्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि किन तत्त्वों ने इस गलत बात को इतना प्रचारित और प्रसारित किया? अंग्रेजी हुकूमत को भी शायद इतना पता नहीं होगा कि उसकी साजिश इतनी शानदार सफलता को प्राप्त करेगी, जितनी हुई। यही नहीं, आज भी उसके साज़िश की दुर्गन्ध फल-फूल रही है, यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। राष्ट्रपिता और भगत सिंह उन रचनाओं में से नहीं है, जिनमें किसी की लकीर को बड़ा साबित करने के लिए किसी अन्य की लकीर को घटाया और मिटाया जाता है। यह पुस्तक दो सच्चे महामानवों की समानान्तर गाथा, उनके विचारों और भारतीय जनमानस पर उनकी छाप का एक पक्षपात रहित खरा विमर्श है।
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Description
‘शहीदे आजम भगत सिंह को फाँसी क्यों दी गयी? कब दी गयी? उनकी विचारधारा क्या थी? ऐसी ढेर सारी बातें बहुत लोगों को नहीं मालूम पर यह पता है कि भगत सिंह की फाँसी की सजा को महात्मा गाँधी चाहते तो रुकवा सकते थे लेकिन उन्होंने नहीं रुकवाया। महत्त्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि किन तत्त्वों ने इस गलत बात को इतना प्रचारित और प्रसारित किया? अंग्रेजी हुकूमत को भी शायद इतना पता नहीं होगा कि उसकी साजिश इतनी शानदार सफलता को प्राप्त करेगी, जितनी हुई। यही नहीं, आज भी उसके साज़िश की दुर्गन्ध फल-फूल रही है, यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। राष्ट्रपिता और भगत सिंह उन रचनाओं में से नहीं है, जिनमें किसी की लकीर को बड़ा साबित करने के लिए किसी अन्य की लकीर को घटाया और मिटाया जाता है। यह पुस्तक दो सच्चे महामानवों की समानान्तर गाथा, उनके विचारों और भारतीय जनमानस पर उनकी छाप का एक पक्षपात रहित खरा विमर्श है।
About Author
डॉ. सुजाता चौधरी का जन्म 6 जनवरी 1964 को एक सम्भ्रान्त परिवार में हुआ। एम.ए. (राजनीतिशास्त्र, इतिहास), एल.एल.बी., पीएच.डी., पत्रकारिता में डिप्लोमा। सैकड़ों पत्र-पत्रिकाओं में लेख और कहानियाँ प्रकाशित। आकाशवाणी भागलपुर से अनेक कहानियाँ प्रसारित। प्रकाशित रचनाएँ : दुख भरे सुख, कश्मीर का दर्द, दुख ही जीवन की कथा रही, प्रेमपुरुष, सौ साल पहले-चम्पारण का गाँधी, मैं पृथा ही क्यों न रही, नोआखाली (उपन्यास); मर्द ऐसे ही होते हैं, सच होते सपने, चालू लड़की, अगले जनम मोहे बिटिया ही दीज्यो (कहानी संग्रह); महात्मा का अध्यात्म, बापू और स्त्री, गाँधी की नैतिकता, राष्ट्रपिता और नेता जी, राष्ट्रपिता और भगतसिंह, बापू कृत बालपोथी, चम्पारण का सत्याग्रह, सत्य के दस्तावेज़ (गाँधी साहित्य); संक्षिप्त श्रीमद्भागवतम्, श्री चैतन्यदेव (अन्य रचनाएँ)। प्रकाशनाधीन : कहाँ है मेरा घर? (कविता संग्रह); महामानव आ रहा है (उपन्यास); दूसरी कैकयी (कहानी संग्रह)। कार्यक्षेत्र : श्री रास बिहारी मिशन ट्रस्ट की मुख्य न्यासी एवं नेशनल मूवमेंट फ्रंट की राष्ट्रीय संयोजिका। मिशन एवं फ्रंट द्वारा प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्र में विद्यालयों की स्थापना, विशेषतया बालिका शिक्षा और महिला स्वावलम्बन एवं सशक्तीकरण हेतु रोजगार एवं प्रशिक्षण। दलित बच्चों की शिक्षा हेतु विद्यालय संचालन, वृन्दावन में महिलाओं के लिए आश्रम का संचालन, निराश्रित जनों के लिए भोजन की व्यवस्था, चैरिटेबल विद्यालयों का संचालन, देशभर में बा-बापू एकल पाठशाला का संचालन। ई-मेल : sujatachaudhary@hotmail.com
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