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Kabeer : Nai Sadi Mein-2 : Kabeer Aur Ramanand : Kimvadantiyan
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
डॉ. धर्मवीर
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
डॉ. धर्मवीर
Language:
Hindi
Format:
Hardback
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ISBN:
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9788181432537
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
214
कबीर और रामानंद : किंवदंतियाँ
किंवदन्ती और संस्कृति के नाम पर ब्राह्मण को झूठ बोलने का अधिकार दिया जा सकता है लेकिन उसे यह अधिकार नहीं दिया जा सकता है कि दलित उसका विश्वास भी करेगा। दोनों के बीच संवाद का यही समझौता है। इस समझौते को बिगाड़ने की कोशिश में नीयत खराब है। ब्राह्मण झूठ बोलता रहे और दलित उसका अविश्वास करता रहे-यह भी दलित समस्या का एक मुकम्मिल समाधान हो सकता है।
– भूमिका से
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Description
कबीर और रामानंद : किंवदंतियाँ
किंवदन्ती और संस्कृति के नाम पर ब्राह्मण को झूठ बोलने का अधिकार दिया जा सकता है लेकिन उसे यह अधिकार नहीं दिया जा सकता है कि दलित उसका विश्वास भी करेगा। दोनों के बीच संवाद का यही समझौता है। इस समझौते को बिगाड़ने की कोशिश में नीयत खराब है। ब्राह्मण झूठ बोलता रहे और दलित उसका अविश्वास करता रहे-यह भी दलित समस्या का एक मुकम्मिल समाधान हो सकता है।
– भूमिका से
About Author
डॉ. धर्मवीर
जन्म : 9 दिसम्बर, 1950
शिक्षा : एम.ए. बी. एस. सी., पीएच.डी., एम. डी. पी. ए., एम.फिल., डी.लिट्. (सब.)
व्यवसाय : 1980 के बैच के केरल कैडर के आई.ए.एस. अधिकारी।
रचनाएँ : • कबीर : नयी सदी में
• कबीर : डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी का प्रक्षिप्त चिन्तन 1999
• कबीर और रामानन्द : किंवदन्तियाँ 1999
• कबीर : बाज भी, कपोत भी, पपीहा भी 1999
• कबीर के आलोचक 1997
• सन्त रैदास का निर्वर्ण सम्प्रदाय (पुरस्कृत) 1990
• बालक अम्बेडकर 1990
• कम्पिला 1987
• हीरामन 1987
• हिन्दी की आत्मा 1987
• सीमन्तनी उपदेश (सम्पादित) 1988
• लोकायती वैष्णव- विष्णु प्रभाकर (पुरस्कृत) 1987
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