Paanch Behatreen Kahaniyan

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
मधु कंकारिया
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Vani Prakashan
Author:
मधु कंकारिया
Language:
Hindi
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Paperback

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पाँच बेहतरीन कहानियाँ –
‘सुसाइड’ शब्द सुन युवक भी रोमांचित और विचारशील हो गया था। किसी दार्शनिक की तरह उसने कहा, “कोई ज़रूरी नहीं कि इतना सौन्दर्य जीवन के प्रति राग ही पैदा करे, वह विराग भी तो पैदा कर सकता है। एक बार दो मित्रों ने एक साथ किसी अति भव्य रमणीय स्थल को देखा, पहला उसे देख पगला गया… सहन नहीं कर पाया इतने भव्य सौन्दर्य को।”

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Description

पाँच बेहतरीन कहानियाँ –
‘सुसाइड’ शब्द सुन युवक भी रोमांचित और विचारशील हो गया था। किसी दार्शनिक की तरह उसने कहा, “कोई ज़रूरी नहीं कि इतना सौन्दर्य जीवन के प्रति राग ही पैदा करे, वह विराग भी तो पैदा कर सकता है। एक बार दो मित्रों ने एक साथ किसी अति भव्य रमणीय स्थल को देखा, पहला उसे देख पगला गया… सहन नहीं कर पाया इतने भव्य सौन्दर्य को।”

About Author

मधु कांकरिया - हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री मधु कांकरिया का जन्म सन् 1957 में कोलकता में हुआ। उन्होंने कोलकता विश्वविद्यालय कोलकता से अर्थशास्त्र विषय में एम.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके पश्चात् उन्होंने कम्प्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा भी किया। वे अक्सर यात्रा करती हैं और यात्रा के दौरान प्राप्त हुए अनुभवों को शब्दबद्ध कर अभिव्यक्त करती हैं। उन्होंने हिन्दी की अनेक विधाओं जैसे कविता, उपन्यास, संस्मरण आदि में अपनी लेखनी चलायी है। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं— कहानी संग्रह— खुले गगन के लाल सितारे, सलाम आख़िरी, बीतते हुए, अन्त में ईशु। उपन्यास— पत्ता खोर। इनके अतिरिक्त उन्होंने बहुत से यात्रा वृतान्त, संस्मरण एवं कविताएँ भी लिखी हैं। मधु कांकरिया ने अपने रचनाओं में समाज में फैली बुराइयों, असुरक्षा के बीच युवा पीढ़ी में बढ़ते नशे की आदत, महानगर का घुटन भरा जीवन, लालबत्ती क्षेत्र की व्यथा का अत्यन्त सजीव एवं मार्मिक चित्रण किया है तथा समाज में जागरूकता लाने का प्रयास किया है। उनकी रचनाओं में संवेदना तथा विचार का सुन्दर समन्वय मिलता है। लेखिका ने अपनी रचनाओं के माध्यम से अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति पर्याप्त सम्मान तथा शोषित व लाचार के प्रति सजगता दर्शायी है। परिश्रम करने वाले के प्रति करुणा, दया का भाव व्यक्त किया है।

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