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Fifty Million
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
अब्दुल वकील सोलामल शिंवारे, अनुवाद आर. ऐल. मल्होत्रा
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
अब्दुल वकील सोलामल शिंवारे, अनुवाद आर. ऐल. मल्होत्रा
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹100 ₹99
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ISBN:
SKU
9789350727058
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
80
पचास मिलियन –
सोलामल शिंवारे की प्रत्येक कहानी एक गहरी सोच का पैग़ाम लिए हुए है। जहाँ सोलामल धर्म के नाम पर देश में सफ़ेद दाढ़ी, सफ़ेद कपड़ों तथा मालाएँ हाथों फेरते उन कट्टरपन्थियों पर कटाक्ष करते हैं जो विदेश में जाकर ऐश व अय्याशी का कोई कोना नहीं छोड़ते वहीं वह ब्रिटिश, रूसी, अमरीकी प्रतिस्पर्धा तथा पाकिस्तानी हथकंडों के बीच घिरे अफ़ग़ानी समाज का मार्मिक चित्रण कर उस पर आँसू बहाने को भी विवश हैं।
पचास मिलियन इसी पठान का एक मार्मिक सजीव चित्रण है जो स्वयं को भूल बैठा है। उसका धरातल उसके पैरों तले से खिसक चुका है। एक सर्वमान्य नेता के अभाव में वह दूसरों की कठपुतली बना हुआ है। चारों ओर से उसे नोचा जा रहा है। उसकी बहादुरी के कारण उसका अस्तित्व, उसकी संस्कृति, उसकी भाषा आज मिटने के कगार पर है। अब भी अगर वह सुपर पॉवर की चालों को न समझ सका और भाई-भाई का गला काटता रहा, केवल स्वयं को ही सर्वेसर्वा समझकर क़ौमी एकता न ला सका तो शायद पठान क़ौम इतिहास के एक अध्याय-मात्र तक सीमित हो जायेगी। पचास मिलियन इसी भोले-भाले पठान को जागृत करने का प्रयास है।
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Description
पचास मिलियन –
सोलामल शिंवारे की प्रत्येक कहानी एक गहरी सोच का पैग़ाम लिए हुए है। जहाँ सोलामल धर्म के नाम पर देश में सफ़ेद दाढ़ी, सफ़ेद कपड़ों तथा मालाएँ हाथों फेरते उन कट्टरपन्थियों पर कटाक्ष करते हैं जो विदेश में जाकर ऐश व अय्याशी का कोई कोना नहीं छोड़ते वहीं वह ब्रिटिश, रूसी, अमरीकी प्रतिस्पर्धा तथा पाकिस्तानी हथकंडों के बीच घिरे अफ़ग़ानी समाज का मार्मिक चित्रण कर उस पर आँसू बहाने को भी विवश हैं।
पचास मिलियन इसी पठान का एक मार्मिक सजीव चित्रण है जो स्वयं को भूल बैठा है। उसका धरातल उसके पैरों तले से खिसक चुका है। एक सर्वमान्य नेता के अभाव में वह दूसरों की कठपुतली बना हुआ है। चारों ओर से उसे नोचा जा रहा है। उसकी बहादुरी के कारण उसका अस्तित्व, उसकी संस्कृति, उसकी भाषा आज मिटने के कगार पर है। अब भी अगर वह सुपर पॉवर की चालों को न समझ सका और भाई-भाई का गला काटता रहा, केवल स्वयं को ही सर्वेसर्वा समझकर क़ौमी एकता न ला सका तो शायद पठान क़ौम इतिहास के एक अध्याय-मात्र तक सीमित हो जायेगी। पचास मिलियन इसी भोले-भाले पठान को जागृत करने का प्रयास है।
About Author
अब्दुल वकील सोलामल शिंवारे -
अब्दुल वकील सोलामल शिंवारे का जन्म अफ़ग़ानिस्तान के नंगरहार प्रान्त के हस्कामेना नामक स्थान पर हुआ। इन्होंने अपनी प्रारम्भिक तथा माध्यमिक शिक्षा जलालाबाद में प्राप्त की और फिर उच्च शिक्षा के लिए सोवियत गणराज्य भेजे गये, जहाँ इन्होंने एम.ए. की शिक्षा पूरी की व 1988 में स्वदेश लौट आये और अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय रक्षा मन्त्रालय के विभिन्न संस्थानों में बतौर शिक्षक कार्यभार सँभाला। 1994 में पेशावर (पाकिस्तान) चले गये तथा स्वतन्त्र अफ़ग़ानिस्तान लेखक संघ के मुखपत्र WUFA में सम्पादकीय विभाग में कार्य करने लगे। 1995 पेशावर से स्लोवाकिया स्थानान्तरण किया, जहाँ 2007 तक रहे। तत्पश्चात् ब्रिटेन चले गये और अब तक वहीं रह रहे हैं।
वकील सोलामल शिंवारे ने राजनीति एवं साहित्य जैसे गम्भीर विषयों पर अनेक शोधपत्र व लेखादि लिखे जिन्हें अफ़ग़ान विषयों से सम्बन्धित देशी व विदेशी पत्र-पत्रिकाओं में महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया। वकील सोलामल को अपनी मातृभाषा पश्तो के अतिरिक्त फ़ारसी, रूसी और स्लोवाक भाषाओं पर पूरा अधिकार है।
लघु-कथाओं के अतिरिक्त इन्होंने लघु एवं दीर्घावधि रेडियो-टी.वी. सीरियल तथा ड्रामे भी लिखे हैं। सांस्कृतिक, राजनीतिक, नशा एवं नशीले पदार्थ कुछ ऐसे विषय हैं जिन पर शिंवारे के लेखों को अपार सफलता मिली है।
इनके प्रकाशित संग्रहों में 'जड़ा क़ला' (पुरानी हवेली), 'पञ्जोस मिलियना' (पचास मिलियन) तथा 'रजूरे हिले' (बीमार आशाएँ) उल्लेखनीय हैं। इन सभी का अनुवाद फ़ारसी, उर्दू एवं अंग्रेज़ी भाषाओं में हो चुका है।
सोलामल शिंवारे आजकल सिनेरियो और एक उपन्यास लेखन में व्यस्त हैं। पश्तो साहित्य में अमूल्य सेवाएँ देने वाले सोलामल शिवारे सार्क लेखक संघ के सक्रिय सदस्य हैं और इन्हें इस संस्था द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है।
अनुवादक - रोशन लाल मल्होत्रा -
जन्म : 01 जनवरी, 1950, जंगई स्वात बुनेर, उत्तर-पश्चिम सीमा प्रान्त (अब पाकिस्तान में)।
शिक्षा : बी.ए., दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली, एम.ए. (अंग्रेज़ी) मेरठ यूनिवर्सिटी, मेरठ।
भाषा-ज्ञान : पश्तो, अंग्रेज़ी, पंजाबी, उर्दू, हिन्दी।
अनुभव : आकाशवाणी के विदेश सेवा प्रभाग में अनुवादक एवं उद्घोषक (1972-1982), पश्तो एकांश के निदेशक (1982-2009)।
प्रकाशित रचनाएँ : हिन्दी-पश्तो शब्दकोश, पंचतन्त्र की बाल कहानियाँ, काफ़िरों के ख़ुदा।
अनुवाद : गोदान (हिन्दी से पश्तो), बदलून (विभिन्न भारतीय लेखकों की कहानियों का संग्रह), द आमिर मेल्मसत्या।
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