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Parinde
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
तेजी ग्रोवर
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
तेजी ग्रोवर
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹395 ₹277
Save: 30%
In stock
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10-12 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789350722152
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
224
उत्तरी यूरोप के आधुनिक उपन्यासकारों की अव्वल श्रेणी में रखे जाने वाले थारयै वेसोस का उपन्यास परिन्दे उनकी अत्युत्कृष्ट कृति मानी जाती है। परिन्दे माट्टिस नामक एक ऐसे शख्स की कहानी है जो अपनी मानसिक विशिष्टता के चलते पूरे कथानक में अनजाने में ही ज़िन्दगी के सबसे अहम सवाल पूछता चला जाता है। झील के क़रीब एक कॉटेज में अपनी कामगार बहन हेगे के साथ रहते हुए वह एक दिन अपनी नाव में एक अजनबी लकड़हारे को बिठाकर घर लिवा लाता है। आगन्तुक योर्गेन और हेगे की प्रेम कहानी माट्टिस के लिए अप्रत्याशित स्थितियों का सबब बनती चली जाती है। वेसोस का शायद ही कोई अन्य पात्र लेखक के स्नेह और ममत्व से इस क़दर घिरा हुआ हो। वेसोस ने माट्टिस को सबसे अधिक समझा भी है – माट्टिस जो रोज़मर्रा की परिस्थितियों में एकदम निरीह और निरुपाय है, लेकिन जो तथाकथित चतुर-सुजान लोगों की तुलना में चीज़ों को कहीं अधिक गहराई से समझता है। प्रकृति उसके लिए कई रहस्यों को उदारता से प्रकट करती है। वह पक्षियों की भाषा समझता है और वन-कुक्कुट द्वारा चोंच से लिखे हुए सन्देशों को पढ़ सकता है। पक्षियों के लिखे सन्देश ‘प्रिक्क प्रिक्क प्रिक्क’ से माट्टिस ने अनजाने में ही वेसोस के पाठकों के लिए एक सहज और स्नेहिल भाषा का आविष्कार भी – कर डाला है जिसे नॉर्वे में सब अच्छे से समझते हैं ।
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Description
उत्तरी यूरोप के आधुनिक उपन्यासकारों की अव्वल श्रेणी में रखे जाने वाले थारयै वेसोस का उपन्यास परिन्दे उनकी अत्युत्कृष्ट कृति मानी जाती है। परिन्दे माट्टिस नामक एक ऐसे शख्स की कहानी है जो अपनी मानसिक विशिष्टता के चलते पूरे कथानक में अनजाने में ही ज़िन्दगी के सबसे अहम सवाल पूछता चला जाता है। झील के क़रीब एक कॉटेज में अपनी कामगार बहन हेगे के साथ रहते हुए वह एक दिन अपनी नाव में एक अजनबी लकड़हारे को बिठाकर घर लिवा लाता है। आगन्तुक योर्गेन और हेगे की प्रेम कहानी माट्टिस के लिए अप्रत्याशित स्थितियों का सबब बनती चली जाती है। वेसोस का शायद ही कोई अन्य पात्र लेखक के स्नेह और ममत्व से इस क़दर घिरा हुआ हो। वेसोस ने माट्टिस को सबसे अधिक समझा भी है – माट्टिस जो रोज़मर्रा की परिस्थितियों में एकदम निरीह और निरुपाय है, लेकिन जो तथाकथित चतुर-सुजान लोगों की तुलना में चीज़ों को कहीं अधिक गहराई से समझता है। प्रकृति उसके लिए कई रहस्यों को उदारता से प्रकट करती है। वह पक्षियों की भाषा समझता है और वन-कुक्कुट द्वारा चोंच से लिखे हुए सन्देशों को पढ़ सकता है। पक्षियों के लिखे सन्देश ‘प्रिक्क प्रिक्क प्रिक्क’ से माट्टिस ने अनजाने में ही वेसोस के पाठकों के लिए एक सहज और स्नेहिल भाषा का आविष्कार भी – कर डाला है जिसे नॉर्वे में सब अच्छे से समझते हैं ।
About Author
तेजी ग्रोवर
जन्म 7 मार्च 1955 को, पठानकोट में। चंडीगढ़ में कई वर्ष तक एक कॉलेज में अंग्रेज़ी पढ़ाने का काम छोड़ इन दिनों मध्य प्रदेश के शहर होशंगाबाद में आवास। लेखन के अलावा पेंटिंग करना, बच्चों के साहित्य का सम्पादन, संकलन, अनुवाद और सृजन, नर्मदा जी के सान्निध्य में। पताः मुख्य डाकघर के पास, कोठी बाज़ार, होशंगाबाद-461001 |
ईमेल : tejigrover@yahoo.co.in
किताबें : जैसे परम्परा सजाते हुए (तीन कवियों का सहयोगी संकलन), पराग प्रकाशन 1981; यहाँ कुछ अँधेरी और तीखी है नदी (कविता संग्रह), भारती भाषा प्रकाशन 1983; लो कहा साँवरी (कविता संग्रह), नेशनल पब्लिशिंग हाऊस 1994; अन्त की कुछ और कविताएँ (कविता संग्रह), वाणी प्रकाशन 2000 ; नीला (उपन्यास), वाणी प्रकाशन 1999; मैत्री (कविता संग्रह), सूर्य प्रकाशन मन्दिर, बीकानेर 2008; सपने में प्रेम की सात कहानियाँ (कहानी संग्रह), वाणी प्रकाशन 2009; तेजी और रुस्तम की कविताएँ, हार्पर कॉलिंज इण्डिया, 2009
अनुवाद : भूख (नावजी लेखक क्नुत हाम्सुन का उपन्यास) वाणी प्रकाशन 2004; पान (क्नुत हाम्सुन का उपन्यास) वाणी प्रकाशन 2003; बर्फ की खुशबू (स्वीडी कविता का संकलन) वाणी प्रकाशन 2001; टूवे ओल्गा ऑरोरा (स्वीडी कवि लार्श लुण्डक्विस्ट की कविताएँ), वाणी प्रकाशन 2006; हेड्डा गेव्लर (हेनरिक इब्सन का नाटक), वाणी प्रकाशन 2007; मास्टर बिल्डर (हेनरिक इब्सन का नाटक) वाणी प्रकाशन 2007: दस समकालीन नॉवजी कहानियाँ, वाणी प्रकाशन 2008; रुबी डी कवि आन यादरलुण्ड की कविताएँ, सूर्य प्रकाशन मन्दिर, बीकानेर 2008; मृत्युरोग, फ़्राँसीसी लेखक मार्गीत ड्यूरास का उपन्यास, वाणी प्रकाशन 2010 |
1989 में भारतभूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार, 2003 में रजा फाउण्डेशन फेलोशिप, 1995-1997 के दौरान प्रेमचन्द सृजनपीठ, उज्जैन की अध्यक्षता और वरिष्ठ कलाकारों हेतु नेशनल कल्चरल फेलोशिप ।
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