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Vishwa Ki Shreshtha Kahaniya (PB)
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Paalatu Bohemian (PB)
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Paalatu Bohemian (HB)
Publisher:
Rajkamal
| Author:
Prabhat Ranjan
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Rajkamal
Author:
Prabhat Ranjan
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹395 ₹277
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In stock
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3-5 days
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ISBN:
SKU
9789388753418
Category Hindi
Category: Hindi
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हिन्दी में ऐसे लेखक अधिक नहीं हैं जिनकी रचनाएँ आम पाठकों और आलोचकों के बीच सामान रूप से लोकप्रिय हों। ऐसे लेखक और भी कम हैं जिनके पैर किसी विचारधारा की बेड़ी से जकड़े ना हों। मनोहर श्याम जोशी के लेखन, पत्रकारिता को अपने शोध-कार्य का विषय बनाने की ‘रिसर्च स्कॉलर्स’ में होड़ लगी थी। प्रभात रंजन ने न सिर्फ़ जोशी जी के लेखन पर अपना शोध-कार्य बख़ूबी किया, बल्कि उनके साथ बिताए गए समय को इस संस्मरण की शक्ल देकर एक बड़ी ज़िम्मेदारी पूरी की है।
“प्रभात ने आत्मीय वृत्तान्त लिखा है।”
—भगवती जोशी (मनोहर श्याम जोशी की सहधर्मिणी)
—हिन्दी फ़िल्मों और डेली सोप ओपेरा के लीजेंड्री राइटर मनोहर श्याम जोशी के जीवन से जुड़े अनेक वृत्तांत इस पुस्तक में हैं जो न सिर्फ़ दिलचस्प हैं, बल्कि प्रेरक और ज्ञानवर्द्धक भी हैं।
—हिन्दी कथा-साहित्य/पत्रकारिता/फ़िल्म/टेलीविज़न में रूचि रखनेवालों के लिए अनिवार्य पठनीय सामग्री।
—संस्मरण विधा में एक उपलब्धि जैसी किताब।
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Description
हिन्दी में ऐसे लेखक अधिक नहीं हैं जिनकी रचनाएँ आम पाठकों और आलोचकों के बीच सामान रूप से लोकप्रिय हों। ऐसे लेखक और भी कम हैं जिनके पैर किसी विचारधारा की बेड़ी से जकड़े ना हों। मनोहर श्याम जोशी के लेखन, पत्रकारिता को अपने शोध-कार्य का विषय बनाने की ‘रिसर्च स्कॉलर्स’ में होड़ लगी थी। प्रभात रंजन ने न सिर्फ़ जोशी जी के लेखन पर अपना शोध-कार्य बख़ूबी किया, बल्कि उनके साथ बिताए गए समय को इस संस्मरण की शक्ल देकर एक बड़ी ज़िम्मेदारी पूरी की है।
“प्रभात ने आत्मीय वृत्तान्त लिखा है।”
—भगवती जोशी (मनोहर श्याम जोशी की सहधर्मिणी)
—हिन्दी फ़िल्मों और डेली सोप ओपेरा के लीजेंड्री राइटर मनोहर श्याम जोशी के जीवन से जुड़े अनेक वृत्तांत इस पुस्तक में हैं जो न सिर्फ़ दिलचस्प हैं, बल्कि प्रेरक और ज्ञानवर्द्धक भी हैं।
—हिन्दी कथा-साहित्य/पत्रकारिता/फ़िल्म/टेलीविज़न में रूचि रखनेवालों के लिए अनिवार्य पठनीय सामग्री।
—संस्मरण विधा में एक उपलब्धि जैसी किताब।
About Author
प्रभात रंजन
जन्म : 3 नवंबर 1970; जन्म-स्थान : सीतामढ़ी (बिहार)।
शिक्षा : पीएच.डी. (‘उत्तर-आधुनिकतावाद और मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास’, ‘उदय प्रकाश की कहानियों में राजनीतिक-सामाजिक परिप्रेक्ष्य’)।
प्रकाशित कृतियाँ : दो कहानी-संग्रह—'जानकी पुल’ और 'बोलेरो क्लास’; 'नीम का पेड़’ (राही मासूम रज़ा लिखित धारावाहिक का उपन्यास के रूप में रूपान्तरण) ; 'स्वच्छन्द’ (सुमित्रानन्दन पन्त की कविताओं के संचयन का अशोक वाजपेयी और अपूर्वानंद के साथ सम्पादन); 'टेलीविज़न लेखन’ (असग़र वजाहत के साथ सह-लेखन); 'एंकर रिपोर्टर’ (पुण्य प्रसून वाजपेयी के साथ सह-लेखन); 'जादुई यथार्थ का जादूगर मार्केज़’ (गाब्रियल गार्सिया मार्केस के जीवन और लेखन पर एकाग्र हिन्दी में पहली पुस्तक); 'कोठागोई’—(मुज़फ़्फ़रपुर की तवायफ़ संस्कृति पर एकाग्र पुस्तक विशेष चर्चित)।
अनुवाद : अनुवाद की लगभग 25 पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें देवदत्त पट्टनायक की पुस्तक 'राम की गाथा’, मोहसिन हामिद का उपन्यास 'जल चुके परवाने कई’, खुशवंत सिंह की किताब 'खुशवंतनामा’, दिलीप कुमार की आत्मकथा 'वजूद और परछाईं’, सत्य नडेला की पुस्तक 'हिट रिफ्रेश’ और आर. रघुराम राजन की पुस्तक 'आई डू व्हाट आई डू’ आदि प्रमुख हैं।
सम्पादन : महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की पत्रिका 'बहुवचन’ का सम्पादन, उसी विश्वविद्यालय की अॅंग्रेज़ी पत्रिका 'हिंदी’ में सहायक सम्पादक, 'आलोचना’ में संयुक्त सम्पादक, प्रसिद्ध समाचारपत्र 'जनसत्ता’ में सहायक सम्पादक।
पुरस्कार/सम्मान : 'जानकी पुल’ कहानी के लिए ‘सहारा समय कथा सम्मान’, 'जानकी पुल’ कहानी-संग्रह’ के लिए ‘प्रेमचन्द कथा सम्मान’, ‘कृष्ण बलदेव फेलोशिप’, ‘एबीपी न्यूज़ सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर सम्मान’, 'कोठागोई’ पुस्तक के लिए जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में ‘द्वारकाप्रसाद अग्रवाल युवा लेखक पुरस्कार’।
Jankipul.com नामक प्रसिद्ध वेबसाइट के मॉडरेटर।
सम्प्रति : दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज (सांध्य) में अध्यापन।
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