Hindi Ki Jatiya Sanskriti Aur Aupniveshikta (HB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Dr. Rajkumar
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
Dr. Rajkumar
Language:
Hindi
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Hardback

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हिन्दी की जातीय संस्कृति और औपनिवेशिकता एक ऐसा विषय है जिस पर लगातार कई दृष्टियों से विचार करने की ज़रूरत है, क्योंकि ऐसे वैचारिक अनुसन्धान से ही हम उन कई प्रश्नों के उत्तर पा सकते हैं जो हमें बेचैन किए रहते हैं। हिन्दी में बार-बार व्याप रही विस्मृति, जातीय स्मृति की अनुपस्थिति आदि ऐसे कई पक्ष हैं जो आलोचना के ध्यान में बराबर रहने चाहिए। डॉ. राजकुमार की यह नई पुस्तक ऐसे आलोचनात्मक उद्यम की ही उपज है और हम उसे सहर्ष प्रकाशित कर रहे हैं।

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Description

हिन्दी की जातीय संस्कृति और औपनिवेशिकता एक ऐसा विषय है जिस पर लगातार कई दृष्टियों से विचार करने की ज़रूरत है, क्योंकि ऐसे वैचारिक अनुसन्धान से ही हम उन कई प्रश्नों के उत्तर पा सकते हैं जो हमें बेचैन किए रहते हैं। हिन्दी में बार-बार व्याप रही विस्मृति, जातीय स्मृति की अनुपस्थिति आदि ऐसे कई पक्ष हैं जो आलोचना के ध्यान में बराबर रहने चाहिए। डॉ. राजकुमार की यह नई पुस्तक ऐसे आलोचनात्मक उद्यम की ही उपज है और हम उसे सहर्ष प्रकाशित कर रहे हैं।

About Author

डॉ. राजकुमार

जन्म : सन् 1961 के सावन महीने की नागपंचमी को इलाहाबाद (अब कौशाम्बी) ज़ि‍ले के एक गाँव में। बी.ए. की पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से। यहीं सामाजिक सरोकारों और साहित्य में गहरी संलग्नता उत्पन्न हुई। कुछ वर्ष 'जन संघर्ष' करने के उपरान्त जे.एन.यू., नई दिल्ली से एम.ए., एम.फ़‍िल. और पीएच.डी.। चार पुस्तकें प्रकाशित। अनेक चर्चित लेख हिन्दी की सभी उल्लेखनीय पत्रिकाओं में प्रकाशित। फ़ि‍लहाल देशभाषा की अप्रकाशित पांडुलिपियों, दुर्लभ ग्रन्थों और लोक-विद्या के नाना रूपों के संकलन, अध्ययन और सम्पादन की वृहद् परियोजना में सक्रिय।

प्रकाशित प्रमुख कृयिताँ : ‘आधुनिक हिन्दी साहित्य का चौथा दशक’; ‘साहित्यिक संस्कृति और आधुनिकता’; ‘कहानियाँ रिश्तों की : दादा-दादी’, ‘नाना-नानी’, ‘उत्तर-औपनिवेशिक दौर में हिन्दी शोधालोचना (सम्पादित) आदि।

सम्प्रति : प्रोफ़ेसर हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी। 

समन्वयक यू.जी.सी.इन्नोवेटिव प्रोग्राम फ़ॉर ट्रॉन्सलेशन स्किल, बी.एच.यू.।

ऐडजंक्ट फ़ैकल्टी, मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र, बी.एच.यू.।

ई-मेल : dr.kumar.raj@gmail.com

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