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Sadharan Log, Asadharan Shikshak :Bharat Ke Asal Nayak (PB)
Publisher:
Rajkamal
| Author:
S. Giridhar, Tr. Lokesh Malti Prakash, Ed. Gurbachan Singh
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajkamal
Author:
S. Giridhar, Tr. Lokesh Malti Prakash, Ed. Gurbachan Singh
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹299 ₹209
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9789389598919
Category Hindi
Category: Hindi
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सरकारी स्कूल असल मायने में ‘पब्लिक स्कूल’ हैं। ये हर व्यक्ति के और हर जगह काम आते हैं—इसमें सबसे पिछड़े इलाक़ों के सबसे ज़्यादा वंचित लोग भी शामिल हैं। पिछले लगभग दो दशकों से एस. गिरिधर अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के साथ अपने काम के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में भ्रमण करते हुए सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को क़रीब से देखते रहे हैं। इन वर्षों में वे ऐसे सैकड़ों सरकारी स्कूल शिक्षकों से मिले हैं जो अपनी देखरेख में आने वाले बच्चों की ज़िन्दगियों को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहे हैं। ये वे शिक्षक हैं जो हर सीमा को लाँघने का साहस रखते हैं क्योंकि इनका मानना है कि हर बच्चा सीख सकता है।
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Description
सरकारी स्कूल असल मायने में ‘पब्लिक स्कूल’ हैं। ये हर व्यक्ति के और हर जगह काम आते हैं—इसमें सबसे पिछड़े इलाक़ों के सबसे ज़्यादा वंचित लोग भी शामिल हैं। पिछले लगभग दो दशकों से एस. गिरिधर अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के साथ अपने काम के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में भ्रमण करते हुए सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को क़रीब से देखते रहे हैं। इन वर्षों में वे ऐसे सैकड़ों सरकारी स्कूल शिक्षकों से मिले हैं जो अपनी देखरेख में आने वाले बच्चों की ज़िन्दगियों को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहे हैं। ये वे शिक्षक हैं जो हर सीमा को लाँघने का साहस रखते हैं क्योंकि इनका मानना है कि हर बच्चा सीख सकता है।
About Author
एस. गिरिधर
अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर हैं। अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन के सबसे शुरुआती सदस्यों में से एक गिरिधर अठारह साल पहले फ़ाउण्डेशन में शामिल हुए थे। इससे पहले वे दो दशकों तक व्यापार प्रबन्धन से जुड़ी भूमिकाओं में रहे थे। जब फ़ाउण्डेशन ने अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की स्थापना की तो वे उसके पहले रजिस्ट्रार और सीओओ बने। अपने समृद्ध ज़मीनी अनुभवों व दृष्टि को आधार बनाते हुए वे पिछले कई साल से नियमित लेखन करते रहे हैं। इसके अलावा उनकी गहरी दिलचस्पी क्रिकेट में भी है और इस खेल पर आधारित दो लोकप्रिय किताबों का उन्होंने सह-लेखन किया है : मिडविकेट टेल्स : फ़्रॉम ट्रम्पर टू तेंदुलकर और फ़्रॉम मुम्बई टू डर्बन : इंडियाज़ ग्रेटेस्ट टेस्ट्स।
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