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Kavita Ji Kar Dekho (HB)
Publisher:
Lokbharti
| Author:
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Hindi
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Hardback
Publisher:
Lokbharti
Author:
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹350 ₹280
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9789386863720
Category Hindi
Category: Hindi
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इस रचना में निराशा की मनोदशाएँ हैं तो आशा का समुचित संचरण भी है। आकर्षण के उन्नत शिखर है तो यत्र-तत्र विकर्षण की विलम्बित घाटियाँ भी हैं। युद्ध उन्माद की विश्रान्ति है तो शान्ति की अथाह गहराई भी है। दीन-हीन निःशक्तता है तो शक्ति का स्वरचित संसार भी है। यहाँ दुःख द्रवित अश्रुपूरित व्यष्टि है तो हर्षोल्लासित सुख समष्टि भी है। यहाँ शाश्वत सत्य जन्म है तो यथार्थ सत्य मृत्यु भी है। प्रथमतः यह रचना इसी द्वैत भाव से सम्पूरित लगती है किन्तु गहन अनुशीलन-परिशीलन के साथ भाव-प्रवण अन्तर्यात्रा में यह द्वैत भाव तिरोहित हो जाता है और तत्त्वमसि का अनन्त भाव एकत्व में समाहित हो जाता है। यहाँ सर्वदा कल्याणकारी नित नूतन सौन्दर्य से अभिप्रेरित शाश्वत सत्य स्थापित है, वामन से विराट, यथार्थ और आदर्श का समन्वय समुपस्थित है जो अन्ततः आनन्द से ब्रह्मानन्द-सहोदर की ओर प्रयाण है। यह रचना स्व से पर की यात्रा में श्रेय और प्रेय से मंडित मौक्तिक खोज है। कवि का यह प्रथम प्रयास श्लाघ्य, वरेण्य और स्तुत्य भी है।
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Description
इस रचना में निराशा की मनोदशाएँ हैं तो आशा का समुचित संचरण भी है। आकर्षण के उन्नत शिखर है तो यत्र-तत्र विकर्षण की विलम्बित घाटियाँ भी हैं। युद्ध उन्माद की विश्रान्ति है तो शान्ति की अथाह गहराई भी है। दीन-हीन निःशक्तता है तो शक्ति का स्वरचित संसार भी है। यहाँ दुःख द्रवित अश्रुपूरित व्यष्टि है तो हर्षोल्लासित सुख समष्टि भी है। यहाँ शाश्वत सत्य जन्म है तो यथार्थ सत्य मृत्यु भी है। प्रथमतः यह रचना इसी द्वैत भाव से सम्पूरित लगती है किन्तु गहन अनुशीलन-परिशीलन के साथ भाव-प्रवण अन्तर्यात्रा में यह द्वैत भाव तिरोहित हो जाता है और तत्त्वमसि का अनन्त भाव एकत्व में समाहित हो जाता है। यहाँ सर्वदा कल्याणकारी नित नूतन सौन्दर्य से अभिप्रेरित शाश्वत सत्य स्थापित है, वामन से विराट, यथार्थ और आदर्श का समन्वय समुपस्थित है जो अन्ततः आनन्द से ब्रह्मानन्द-सहोदर की ओर प्रयाण है। यह रचना स्व से पर की यात्रा में श्रेय और प्रेय से मंडित मौक्तिक खोज है। कवि का यह प्रथम प्रयास श्लाघ्य, वरेण्य और स्तुत्य भी है।
About Author
अम्बरीष कुमार सिंह
जन्म : 5 अप्रैल, 1967; ग्राम—गोरपुर, बाराबंकी, उ.प्र.।
शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी.।
प्रकाशन सेवा : विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविता, कहानी, संस्मरण, यात्रा-वृत्तान्त आदि का प्रकाशन।
कार्य : राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित गोष्ठियों, साहित्यिक कार्यक्रमों का संचालन; संस्थान द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका ‘अपरिहार्य का सह-सम्पादन’; दूरदर्शन एवं आकाशवाणी द्वारा आयोजित अनेक कार्यक्रमों में प्रस्तुति।
सम्मान : राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश—‘साहित्य गौरव सम्मान’, सरदार पटेल संस्थान बाराबंकी का ‘पटेल रत्न सम्मान’ तथा अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
सम्प्रति : अनुसचिव, उत्तर प्रदेश शासन।
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