Seemayen Tootati Hain (HB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
ASHUTOSH SHUKLA
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
ASHUTOSH SHUKLA
Language:
Hindi
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Hardback

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‘राग दरबारी’ के प्रख्यात रचनाकार श्रीलाल शुक्ल का यह उपन्यास इस धारणा का खंडन करता है कि अपराध-कथाएँ साहित्यिक नहीं हो सकतीं।दुर्गादास नाम के व्यक्ति को एक हत्या के जुर्म में उम्रक़ैद हो गई है और इसी बिन्दु से शुरू होता है यह दिलचस्प उपन्यास। इसमें जिस बहुरंगी संसार की रचना हुई है, वहाँ वास्तविक संसार जैसा ही उलझाव है और धर्म, प्रेम तथा अपराध जैसी तर्कातीत वृत्तियों में बँधी हुई ज़िन्दगी इस उलझाव से निरन्तर जूझती रहती है। इसकी सबसे बड़ी समस्या वह हत्या नहीं, जो हो चुकी बल्कि उसके बाद मानवीय सम्बन्धों की हत्या के प्रयास और उन सम्बन्धों के बचाव का द्वंद्व है। वास्तव में अपराध-कथा जैसे प्रवाह वाली यह कथाकृति एक वृहत्तर जीवन की कथा है जो पाठक को सहज अवरोह के साथ अन्ततः मानवीय नियति की गहराइयों में उतार देती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि हिन्दी कथा-साहित्य में इस उपन्यास का एक अलग स्थान है।

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Description

‘राग दरबारी’ के प्रख्यात रचनाकार श्रीलाल शुक्ल का यह उपन्यास इस धारणा का खंडन करता है कि अपराध-कथाएँ साहित्यिक नहीं हो सकतीं।दुर्गादास नाम के व्यक्ति को एक हत्या के जुर्म में उम्रक़ैद हो गई है और इसी बिन्दु से शुरू होता है यह दिलचस्प उपन्यास। इसमें जिस बहुरंगी संसार की रचना हुई है, वहाँ वास्तविक संसार जैसा ही उलझाव है और धर्म, प्रेम तथा अपराध जैसी तर्कातीत वृत्तियों में बँधी हुई ज़िन्दगी इस उलझाव से निरन्तर जूझती रहती है। इसकी सबसे बड़ी समस्या वह हत्या नहीं, जो हो चुकी बल्कि उसके बाद मानवीय सम्बन्धों की हत्या के प्रयास और उन सम्बन्धों के बचाव का द्वंद्व है। वास्तव में अपराध-कथा जैसे प्रवाह वाली यह कथाकृति एक वृहत्तर जीवन की कथा है जो पाठक को सहज अवरोह के साथ अन्ततः मानवीय नियति की गहराइयों में उतार देती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि हिन्दी कथा-साहित्य में इस उपन्यास का एक अलग स्थान है।

About Author

श्रीलाल शुक्ल

जन्म : 31 दिसम्बर, 1925 को लखनऊ जनपद (उ.प्र.) के अतरौली गाँव में।

शिक्षा : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक।

प्रकाशित कृतियाँ : उपन्यास—‘सूनी घाटी का सूरज’, ‘अज्ञातवास’, ‘राग दरबारी’, ‘आदमी का ज़हर’, ‘सीमाएँ टूटती हैं’, ‘मकान’, ‘पहला पड़ाव’, ‘बिस्रामपुर का सन्त’; कहानी-संग्रह—‘यह घर मेरा नहीं’, ‘सुरक्षा तथा अन्य कहानियाँ’, ‘इस उम्र में’; व्यंग्य-संग्रह—‘अंगद का पाँव’, ‘यहाँ से वहाँ’, ‘मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ’, ‘उमरावनगर में कुछ दिन’, ‘कुछ ज़मीन पर कुछ हवा में’, ‘आओ बैठ लें कुछ देर’, ‘अगली शताब्दी का शहर’, ‘जहालत के पचास साल’; आलोचना—‘अज्ञेय : कुछ राग और कुछ रंग’; विनिबन्ध—‘भगवतीचरण वर्मा’, ‘अमृतलाल नागर’; बाल-साहित्य—‘बब्बर सिंह और उसके साथी’।

 अनुवाद : 'पहला पड़ाव’ अंग्रेज़ी में अनूदित और 'मकान’ बांग्ला में। 'राग दरबारी’ सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं सहित अंग्रेज़ी में।

प्रमुख सम्मान : ‘ज्ञानपीठ पुरस्‍कार’, ‘व्यास सम्मान’, ‘पद्मभूषण सम्मान’, ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘साहित्य भूषण सम्मान’, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का ‘गोयल साहित्य पुरस्कार’, ‘लोहिया अतिविशिष्ट सम्मान’, म.प्र. शासन का ‘शरद जोशी सम्मान’, ‘मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’।

निधन : 28 अक्टूबर, 2011

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