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Ummid (HB)
Publisher:
Lokbharti
| Author:
SHRIKUMARAN TAMPI
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Lokbharti
Author:
SHRIKUMARAN TAMPI
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Hindi
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9789392186387
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श्रीकुमारन तम्पी के मूल मलयालम उपन्यास ‘कुट्टनाटु’ का परम विद्वान डॉ. रंजीत रविशैलम द्वारा किया गया हिन्दी अनुवाद ‘उम्मीद’ एक मर्मस्पर्शी कृति है। त्याग की भावनाओं को उजागर करता यह उपन्यास केरल के उस परिवेश का सजीव चिंत्राकन करता है, जो आज से लगभग 60 वर्ष पूर्व के गाँव की जीवनशैली को प्रस्तुत करने में सक्षम है। जाति और धर्म को प्राथमिकता देने वाले उस समय के केरलीय परिवेश में एक नायर परिवार कुलीनता के नाम पर अपना सर्वस्व त्यागने का साहस करता है, इस भावपूर्ण और कठिन विषय को सरलता के साथ प्रस्तुत किया गया है। ईसाई, मुसलमान, हिन्दू के बीच समन्वय स्थापित करने के प्रयास का यथावत् चित्रण, साथ ही, दो भाईयों के भिन्न व्यवहार का बहुत सुन्दर चित्रण किया गया है। जहाँ एक ओर, एक भाई के स्वार्थी व्यवहार को दर्शाने के लिए उचित शाब्दिक स्थितियाँ निर्मित की गई हैं, वहीं दूसरी ओर, दूसरे भाई के त्याग की भावना को उजागर करने के लिए उपयुक्त भावुक वातावरण बनाया गया है।
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Description
श्रीकुमारन तम्पी के मूल मलयालम उपन्यास ‘कुट्टनाटु’ का परम विद्वान डॉ. रंजीत रविशैलम द्वारा किया गया हिन्दी अनुवाद ‘उम्मीद’ एक मर्मस्पर्शी कृति है। त्याग की भावनाओं को उजागर करता यह उपन्यास केरल के उस परिवेश का सजीव चिंत्राकन करता है, जो आज से लगभग 60 वर्ष पूर्व के गाँव की जीवनशैली को प्रस्तुत करने में सक्षम है। जाति और धर्म को प्राथमिकता देने वाले उस समय के केरलीय परिवेश में एक नायर परिवार कुलीनता के नाम पर अपना सर्वस्व त्यागने का साहस करता है, इस भावपूर्ण और कठिन विषय को सरलता के साथ प्रस्तुत किया गया है। ईसाई, मुसलमान, हिन्दू के बीच समन्वय स्थापित करने के प्रयास का यथावत् चित्रण, साथ ही, दो भाईयों के भिन्न व्यवहार का बहुत सुन्दर चित्रण किया गया है। जहाँ एक ओर, एक भाई के स्वार्थी व्यवहार को दर्शाने के लिए उचित शाब्दिक स्थितियाँ निर्मित की गई हैं, वहीं दूसरी ओर, दूसरे भाई के त्याग की भावना को उजागर करने के लिए उपयुक्त भावुक वातावरण बनाया गया है।
About Author
श्रीकुमारन तम्पी
मलयालम के लब्धप्रतिष्ठ गीतकार, निर्माता-निर्देशक, पटकथाकार, कवि श्रीकुमारन तम्पी का जन्म 16 मार्च 1940 को केरल के आलप्पुहा जिले के हरिप्पाड़ में हुआ।
प्रारम्भिक शिक्षा हरिप्पाड़ से अर्जित करने के बाद सनातन धर्म महाविद्यालय से स्नातक किया। तृश्शूर इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की।
मलयालम सिनेमा जगत् में श्रीकुमारन तम्पी का पदार्पण 1966 में पी. सुब्रह्मण्यम द्वारा निर्मित फ़िल्म 'काटटुमल्लिका' के लिए गाने रचकर हुआ था। उन्होंने पच्चीस फ़िल्मों का निर्माण किया। 29 फ़िल्मों का निर्देशन और 85 फ़िल्मों के लिए पटकथा लेखन के अलावा गाने भी लिखे। 'प्रेम नज़ीर एन्न प्रेम गानम' उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति है।
उपन्यास, कविता, गीत, नाटक, संस्मरण, आलोचना आदि विधाओं में लगभग 30 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित।
पुरस्कार : ‘कणक्कुम कवितयुम’ को श्रेष्ठ फ़िल्मी पुस्तक का राष्ट्रीय पुरस्कार, ‘गानम’ तथा ‘मोहिनियाट्टम’ रचनाओं को राज्य पुरस्कार। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित।
सम्प्रति : केरल फ़िल्म डेवलपमेंट कारपोरेशन के निदेशक।
सम्पर्क : करिप्पालेत्त, 20, बेल्लाविस्टा, पल्लिमुक्कु, पेयाड, तिरुवनन्तपुरम-695573
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