Mallika (HB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Devdas Chhotray, Tr. Prabhat Tripathi
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
Devdas Chhotray, Tr. Prabhat Tripathi
Language:
Hindi
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Hardback

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हमारे समय में सामाजिक यथार्थ और सामाजिकता का ऐसा आतंक है कि प्रेम-कविता की जगह घटती गई है—उसे सामाजिकता से भटकाव की विधा तक करार दिया गया है। ऐसे प्रेम-वंचित समय में ओड़िया के प्रसिद्ध कवि देवदास छोटराय की प्रेम कविताओं का हिन्दी के प्रसिद्ध कवि-आलोचक प्रभात त्रिपाठी के अनुवाद में यह संचयन ताज़ी हवा की तरह है। प्रेम मनुष्य का स्थायी भाव है और उसका कविता में अन्वेषण सदियों से कविता के लिए अनिवार्य रहा है। ओड़िया में, सौभाग्य से, जातीय स्मृति सक्रिय-सजीव है और वह इस कविता में अन्त:ध्वनित होती रहती है। हिन्दी में इस अनुवाद का महत्त्व इसलिए होगा कि यह कविता में प्रेम और स्मृति के पुनर्वास की कविता है। रज़ा फ़ाउंडेशन इस पुस्तक को सहर्ष प्रकाशित कर रहा है।
—अशोक वाजपेयी

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Description

हमारे समय में सामाजिक यथार्थ और सामाजिकता का ऐसा आतंक है कि प्रेम-कविता की जगह घटती गई है—उसे सामाजिकता से भटकाव की विधा तक करार दिया गया है। ऐसे प्रेम-वंचित समय में ओड़िया के प्रसिद्ध कवि देवदास छोटराय की प्रेम कविताओं का हिन्दी के प्रसिद्ध कवि-आलोचक प्रभात त्रिपाठी के अनुवाद में यह संचयन ताज़ी हवा की तरह है। प्रेम मनुष्य का स्थायी भाव है और उसका कविता में अन्वेषण सदियों से कविता के लिए अनिवार्य रहा है। ओड़िया में, सौभाग्य से, जातीय स्मृति सक्रिय-सजीव है और वह इस कविता में अन्त:ध्वनित होती रहती है। हिन्दी में इस अनुवाद का महत्त्व इसलिए होगा कि यह कविता में प्रेम और स्मृति के पुनर्वास की कविता है। रज़ा फ़ाउंडेशन इस पुस्तक को सहर्ष प्रकाशित कर रहा है।
—अशोक वाजपेयी

About Author

देवदास छोटराय

ओड़िया आधुनिक कविता को अपनी स्वतंत्रता से परिभाषित करनेवाले देवदास छोटराय, कटक और दिल्ली, दोनों शहरों में रहते हैं। कविता से अलग एक कहानीकार के रूप में और कई ललित निबन्धों के लिए, विशेषकर ‘कथा’ में प्रकाशित, अपने स्मृतिलेख, ‘एक-एक दिन’ के लिए ये बहुचर्चित हैं। युवा पीढ़ी के बीच इनकी विशेष सराहना है। ‘मल्लिका’ की कविताएँ, कई दशकों से ओड़िया आधुनिक प्रेम कविताओं में किंवदन्ती बन गई हैं। सिनेमा में चित्रनाट्य और संलाप रचना में अभिरुचि रखनेवाले देवदास छोटराय व्यावसायिक ओड़िया सिनेमा में गीत रचने के लिए ओडिशा राज्य सरकार के द्वारा कई बार सम्मानित हुए हैं। इनका चलचित्र ‘इन्द्रधनू र छाइ’ (Shadows of the Rainbow) 1995 में ‘कान फ़िल्म फ़ेस्टिवल’ में प्रदर्शन के लिए निमंत्रित हुआ था। इनके अन्य चलचित्र ‘विश्वप्रकाश’ का चयन

‘भारतीय पैनोरमा’ के लिए सन् 1999 में किया गया था। देवदास छोटराय ने कटक के Ravenshaw College और अमेरिका की Cornell University में शिक्षा प्राप्त की। इनके पाँच कविता-संग्रह तथा दो गल्प संकलन और दो दीर्घकथाएँ अब तक प्रकाशित हैं। हिन्दी में अनूदित इनकी कविताओं का एक संग्रह 'रेत की सीढ़ी’ और अंग्रेज़ी में पुन:सृजित ‘मल्लिका’ कविताओं का एक स्तबक ‘Longing’ प्रकाशित हो चुके हैं।

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