SalePaperback
Pratinidhi Kahaniyan : Uday Prakash (PB)
₹150 ₹149
Save: 1%
Pratinidhi Kavitayein : Gagan Gill (PB)
₹150 ₹149
Save: 1%
Pratinidhi Kavitayein : Uday Prakash (PB)
Publisher:
Rajkamal
| Author:
Uday Prakash
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajkamal
Author:
Uday Prakash
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹150 ₹149
Save: 1%
In stock
Ships within:
3-5 days
In stock
ISBN:
SKU
9788119028429
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
उदय प्रकाश की कविताओं में एक आंतरिक लय है, जिसमें संवेदना और विचार एक सन्तुलित गूँथ में गति करते प्रतीत होते हैं। जिस तरह कहानियों में उन्होंने पारम्परिक शिल्प को तोड़कर अपनी कहन गढ़ी, उनकी कविताएँ भी लगातार अपने को बदलती चलती हैं। हर कविता का कथ्य जैसे अपना शिल्प साथ लेकर आता है। कहीं वे चित्र खींचते हैं, कहीं सीधे संबोधित करते हैं, कहीं कहानी सुनाते हैं, कहीं लम्बे विवरणात्मक वाक्यों में अपनी बात कहते हैं, कहीं शुद्ध छंद रच देते हैं। सत्ता, सत्ता की नाटकीय मुद्राएँ, सामान्यतः पूरे समाज और विशेषतः बौद्धिक तबक़े का नैतिक स्खलन, स्त्रियों के दुख, नागर विडम्बनाएँ, जीवन-पद्धति की तरह व्यवहार करनेवाले राजनीतिक-सामाजिक भ्रष्टाचरण, प्रकृति की पीड़ा, अति-उत्साही आधुनिकता के हाथों परम्परा का ग़ैर-ज़रूरी क्षरण उनकी कवि-चेतना को विचलित करते हैं; स्वार्थ-विद्ध चालाक-चतुर भंगिमाओं का मसख़रापन अक्सर। इस चयन में संकलित उनकी कविताओं से आप कवि उदय प्रकाश को अच्छे ढंग से जान सकते हैं और उनके वैविध्य को भी।
Be the first to review “Pratinidhi Kavitayein : Uday Prakash (PB)” Cancel reply
Description
उदय प्रकाश की कविताओं में एक आंतरिक लय है, जिसमें संवेदना और विचार एक सन्तुलित गूँथ में गति करते प्रतीत होते हैं। जिस तरह कहानियों में उन्होंने पारम्परिक शिल्प को तोड़कर अपनी कहन गढ़ी, उनकी कविताएँ भी लगातार अपने को बदलती चलती हैं। हर कविता का कथ्य जैसे अपना शिल्प साथ लेकर आता है। कहीं वे चित्र खींचते हैं, कहीं सीधे संबोधित करते हैं, कहीं कहानी सुनाते हैं, कहीं लम्बे विवरणात्मक वाक्यों में अपनी बात कहते हैं, कहीं शुद्ध छंद रच देते हैं। सत्ता, सत्ता की नाटकीय मुद्राएँ, सामान्यतः पूरे समाज और विशेषतः बौद्धिक तबक़े का नैतिक स्खलन, स्त्रियों के दुख, नागर विडम्बनाएँ, जीवन-पद्धति की तरह व्यवहार करनेवाले राजनीतिक-सामाजिक भ्रष्टाचरण, प्रकृति की पीड़ा, अति-उत्साही आधुनिकता के हाथों परम्परा का ग़ैर-ज़रूरी क्षरण उनकी कवि-चेतना को विचलित करते हैं; स्वार्थ-विद्ध चालाक-चतुर भंगिमाओं का मसख़रापन अक्सर। इस चयन में संकलित उनकी कविताओं से आप कवि उदय प्रकाश को अच्छे ढंग से जान सकते हैं और उनके वैविध्य को भी।
About Author
उदय प्रकाश
उदय प्रकाश का जन्म 1952 में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के सीमान्त ज़िले अनूपपुर के छोटे से गाँव सीतापुर में हुआ। प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षा गाँव और अनूपपुर में। विज्ञान में स्नातक तथा हिन्दी साहित्य में उत्तर-स्नातक, कप्तान अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा तथा सर हरिसिंह विश्वविद्यालय, सागर, मध्यप्रदेश। शोध तथा अध्यापन : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली। पूर्व प्राध्यापक जेएनयू तथा पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज़ सेंटर, इम्फाल, मणिपुर। टाइम्स रिसर्च फाउंडेशन, स्कूल ऑफ़ सोशल जर्नलिज़्म, नई दिल्ली तथा इंदिरा गांधी जन-जातीय राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्यप्रदेश में जन-संचार माध्यम एवं पत्रकारिता विभाग में प्राध्यापन तथा विभागाध्यक्ष। संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन में विशेष कर्तव्य अधिकारी। कार्लटन कॉलेज, मिनिसोटा, अमेरिका में विज़िटिंग स्कॉलर, जर्मनी, अमेरिका, स्विट्ज़रलैंड, इटली, मॉरीशस आदि देशों के विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में व्याख्यान। ‘दिनमान’, ‘पूर्वग्रह’, ‘संडे मेल’, ‘एमिनेंस’ आदि पत्र-पत्रिकाओं में सम्पादन। दूरदर्शन के लिए टीवी धारावाहिकों का निर्देशन, निर्माण, शोध एवं लेखन। कई साहित्यकारों पर साहित्य अकादेमी तथा हिन्दी अकादेमी के लिए वृत्तचित्रों का निर्माण, निर्देशन।
प्रमुख कृतियाँ : ‘मोहन दास’, ‘पीली छतरी वाली लड़की’, ‘तिरिछ’, ‘वारेन हेस्टिंग्स का साँड़’, ‘और अंत में प्रार्थना’, ‘दरियाई घोड़ा’, ‘अरेबा-परेबा’, ‘मैंगोसिल’, ‘दत्तात्रेय के दुख’, ‘पॉल गोमरा का स्कूटर’ (कहानी-संग्रह)। ‘सुनो कारीगर’, ‘कबूतर-कबूतर’, ‘रात में हारमोनियम’, ‘अंबर में अबाबील’, ‘एक भाषा हुआ करती है’ (कविता-संग्रह)। अनुवाद : ‘कला अनुभव’, ‘इन्दे : रोम्यां रोलां की डायरी’, ‘अमृतसर इंदिरा गांधी की आखिरी लड़ाई’ के अतिरिक्त समय-समय पर विश्व के प्रमुख कवियों के अनुवाद।
पुरस्कार-सम्मान : ‘साहित्य अकादेमी’, ‘भारतभूषण अग्रवाल सम्मान’, ‘ओमप्रकाश सम्मान’, ‘सार्क राइटर्स सम्मान’, ‘कम्यूनल हार्मनी’, ‘सद्भावना’, ‘अन्तरराष्ट्रीय पुश्किन’, ‘पहल’, ‘मुक्तिबोध’, ‘प्रेमचन्द’, ‘वनमाली’, ‘कथाक्रम’, ‘द्विजदेव’ आदि सम्मान। अनुवादों के लिए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कार।
लगभग सभी भारतीय तथा विश्व की तमाम प्रमुख भाषाओं में रचनाओं के अनुवाद तथा पुस्तकें प्रकाशित। सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन, पत्रकारिता, यात्राएँ।
ई-मेल : udayprakash05@gmail.com
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Pratinidhi Kavitayein : Uday Prakash (PB)” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
RELATED PRODUCTS
Ganeshshankar Vidyarthi – Volume 1 & 2
Save: 30%
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Purn Safalta ka Lupt Gyan Bhag-1 | Dr.Virindavan Chandra Das
Save: 20%
Reviews
There are no reviews yet.