Bhavadiye… Aapke Bigdail Vidyarthi (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
SANJIV SHAH
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
SANJIV SHAH
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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हमारे समाज में प्रतिदिन अनेक अपराध दर्ज होते हैं। हम जानते हैं कि दर्ज होनेवाले अपराधों से अनेक गुना अपराध चुपचाप होते हैं और सहन भी किए जाते हैं। पर हम उन बातों के लिए क्या करेंगे जिन्हें अपराध भी गिना नहीं जाता? अपशब्दों भरी भाषा का प्रयोग करना, बालकों का अपमान करना, बालकों को मारना, बालकों को धमकी देकर डराना…यह सब तो मानो शिक्षक के अधिकार में आ गए हैं और उनके आवश्यक साधन बन गए हैं। मुझे भयंकर त्रास होता है, जब कोई अज्ञानी माता-पिता अपने बालक को सौंपते समय शिक्षक से कहते हैं कि सर, जरूरत लगे तो एक-दो तमाचे मारकर भी इसे एकदम सीधा करना। और मूर्ख शिक्षक बालक के सामने ही इस अधिकार एवं जवाबदेही को मानो गौरव से स्वीकार करता है।

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Description

हमारे समाज में प्रतिदिन अनेक अपराध दर्ज होते हैं। हम जानते हैं कि दर्ज होनेवाले अपराधों से अनेक गुना अपराध चुपचाप होते हैं और सहन भी किए जाते हैं। पर हम उन बातों के लिए क्या करेंगे जिन्हें अपराध भी गिना नहीं जाता? अपशब्दों भरी भाषा का प्रयोग करना, बालकों का अपमान करना, बालकों को मारना, बालकों को धमकी देकर डराना…यह सब तो मानो शिक्षक के अधिकार में आ गए हैं और उनके आवश्यक साधन बन गए हैं। मुझे भयंकर त्रास होता है, जब कोई अज्ञानी माता-पिता अपने बालक को सौंपते समय शिक्षक से कहते हैं कि सर, जरूरत लगे तो एक-दो तमाचे मारकर भी इसे एकदम सीधा करना। और मूर्ख शिक्षक बालक के सामने ही इस अधिकार एवं जवाबदेही को मानो गौरव से स्वीकार करता है।

About Author

संजीव शाह

संजीव शाह ‘ओएसिस मूवमेंट’ (इंडिया) के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने व्यक्तित्व निर्माण एवं सामाजिक विकास से सम्बन्धित 100 से अधिक पुस्तक-पुस्तिकाओं का लेखन किया है, जिनकी लगभग 20 लाख प्रतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। अंग्रेजी तथा कई भारतीय भाषाओं में उनकी पुस्तकों के अनुवाद हुए हैं। वे विद्यार्थियों तथा विभिन्न सरकारी संस्थाओं के लिए लीडरशिप कार्यक्रमों के प्रशिक्षक रहे हैं। किशोरों और युवाओं के लिए उन्होंने सलाहकार व मार्गदर्शक की महती भूमिका निभाई है। आयुर्वेद, दर्शन व अध्यात्म में उनकी गहरी रुचि है।

ई-मेल : sanjiv@oasismovement.in

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