Bhavnaon Ke Toofan Mein Bhi Mahak Sakati Hai Yeh Jindagi ! (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
SANJIV SHAH
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
SANJIV SHAH
Language:
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हम जिन भावनाओं को महसूस करते हैं उनसे कभी अपराधबोध अनुभव करने की जरूरत नहीं है, ऐसी भावनाओं का अनुभव तो सभी करते हैं। जब कभी हम अत्यन्त नकारात्मक भावनाओं का अनुभव करते हैं, तो भीतर-ही-भीतर खूब क्षोभ महसूस करते हैं। वास्तव में यह क्षोभ उसी मान्यता से जन्म लेता है कि हममें नकारात्मक भावनाएँ नहीं उठनी चाहिए, ऐसी नकारात्मक भावनाएँ पैदा होना बहुत बुरी बात है।

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Description

हम जिन भावनाओं को महसूस करते हैं उनसे कभी अपराधबोध अनुभव करने की जरूरत नहीं है, ऐसी भावनाओं का अनुभव तो सभी करते हैं। जब कभी हम अत्यन्त नकारात्मक भावनाओं का अनुभव करते हैं, तो भीतर-ही-भीतर खूब क्षोभ महसूस करते हैं। वास्तव में यह क्षोभ उसी मान्यता से जन्म लेता है कि हममें नकारात्मक भावनाएँ नहीं उठनी चाहिए, ऐसी नकारात्मक भावनाएँ पैदा होना बहुत बुरी बात है।

About Author

संजीव शाह

संजीव शाह ‘ओएसिस मूवमेंट’ (इंडिया) के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने व्यक्तित्व निर्माण एवं सामाजिक विकास से सम्बन्धित 100 से अधिक पुस्तक-पुस्तिकाओं का लेखन किया है, जिनकी लगभग 20 लाख प्रतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। अंग्रेजी तथा कई भारतीय भाषाओं में उनकी पुस्तकों के अनुवाद हुए हैं। वे विद्यार्थियों तथा विभिन्न सरकारी संस्थाओं के लिए लीडरशिप कार्यक्रमों के प्रशिक्षक रहे हैं। किशोरों और युवाओं के लिए उन्होंने सलाहकार व मार्गदर्शक की महती भूमिका निभाई है। आयुर्वेद, दर्शन व अध्यात्म में उनकी गहरी रुचि है।

ई-मेल : sanjiv@oasismovement.in

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