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Bharat Mein Mahila Andolan : Vimarsh Aur Chunautiyan Hard Cover
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Bharat Mein Mahila Andolan : Vimarsh Aur Chunautiyan (PB)
Publisher:
Radhakrishna Prakashan
| Author:
Ed. Sadhna Arya & Lata Singh
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Radhakrishna Prakashan
Author:
Ed. Sadhna Arya & Lata Singh
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹399 ₹319
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In stock
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ISBN:
SKU
9789391950309
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
भारत में महिला आन्दोलनों ने लम्बी दूरी तय की है और वर्तमान में भी उनकी निरन्तरता बनी हुई है। उन्होंने न केवल महिलाओं के मुददों पर बने मौन को तोड़ा है बल्कि अलग-अलग तबकों की महिलाओं द्वारा छेड़े गए संघर्षों की विशिष्टताओं को समझने के साथ-साथ पितृसत्ता की जटिलताओं और उनके अन्तर्सम्बन्धों के बारे में हमारी समझ को भी गहरा किया है। परिवार, विवाह, समुदाय, जाति, यौनिकता और श्रम को नए सिरे से परिभाषित कर महिलाओं पर होनेवाली हिंसा और उत्पीड़न के तमाम रूपों को उजागर किया है।
महिलाओं के अनुभवों, संघर्षों और उनके सामने खड़ी चुनौतियों को लेकर उपलब्ध अकादमिक सामग्री और नारीवादी शोध व अध्ययनों ने सामाजिक विज्ञानों में प्रचलित शब्दों, अवधारणाओं और पद्धतियों की आलोचनात्मक समीक्षा पेश की है और यह सन्तोषजनक है कि अलग-अलग अनुशासनों के पाठयक्रम में उसे स्थान मिला है। लेकिन यह भी सच है कि अब भी हिन्दी में ऐसी सामग्री का अभाव बना हुआ है।
‘भारत में महिला आन्दोलन’ पुस्तक इसी कमी को पूरा करना चाहती है और महिलाओं के आन्दोलनों और अध्ययन के सामने खड़े तमाम मुददों और बहसों पर एक व्यापक नज़रिया पेश करती है।
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Description
भारत में महिला आन्दोलनों ने लम्बी दूरी तय की है और वर्तमान में भी उनकी निरन्तरता बनी हुई है। उन्होंने न केवल महिलाओं के मुददों पर बने मौन को तोड़ा है बल्कि अलग-अलग तबकों की महिलाओं द्वारा छेड़े गए संघर्षों की विशिष्टताओं को समझने के साथ-साथ पितृसत्ता की जटिलताओं और उनके अन्तर्सम्बन्धों के बारे में हमारी समझ को भी गहरा किया है। परिवार, विवाह, समुदाय, जाति, यौनिकता और श्रम को नए सिरे से परिभाषित कर महिलाओं पर होनेवाली हिंसा और उत्पीड़न के तमाम रूपों को उजागर किया है।
महिलाओं के अनुभवों, संघर्षों और उनके सामने खड़ी चुनौतियों को लेकर उपलब्ध अकादमिक सामग्री और नारीवादी शोध व अध्ययनों ने सामाजिक विज्ञानों में प्रचलित शब्दों, अवधारणाओं और पद्धतियों की आलोचनात्मक समीक्षा पेश की है और यह सन्तोषजनक है कि अलग-अलग अनुशासनों के पाठयक्रम में उसे स्थान मिला है। लेकिन यह भी सच है कि अब भी हिन्दी में ऐसी सामग्री का अभाव बना हुआ है।
‘भारत में महिला आन्दोलन’ पुस्तक इसी कमी को पूरा करना चाहती है और महिलाओं के आन्दोलनों और अध्ययन के सामने खड़े तमाम मुददों और बहसों पर एक व्यापक नज़रिया पेश करती है।
About Author
साधना आर्य
साधना आर्य राजनीतिशास्त्र और महिला अध्ययन की अध्यापक रही हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च की सीनियर फ़ेलो रही हैं। उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं—‘विमेन, जेंडर इक्वलिटी एंड द स्टेट’ और ‘गेनिंग ग्राउंड : द चेंजिंग कॉन्टूर्स ऑफ़ फ़ेमिनिस्ट ऑर्गेनाइज़िंग इन पोस्ट 1990’ज इन इंडिया’। उन्होंने कई पुस्तकों का सम्पादन भी किया है, जिनमें प्रमुख हैं—‘नारीवादी राजनीति : संघर्ष एवं मुद्दे’, ‘स्त्री अध्ययन : एक परिचय’, ‘भारत में महिला आन्दोलन : विमर्श और चुनौतियाँ’, ‘पॉवर्टी, जेंडर एंड माइग्रेशन’।
ई-मेल : sadhnaarya@hotmail.com
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