SaleHardback
Pragatisheel Aalochana Aur Namvar Singh Hard Cover
₹895 ₹716
Save: 20%
Pachees Saal Ki Ladki Hard Cover
₹495 ₹371
Save: 25%
Dulhin Hard Cover
Publisher:
REMADHAV
| Author:
R_CHITRA MUDGAL
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
REMADHAV
Author:
R_CHITRA MUDGAL
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹495 ₹371
Save: 25%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9788189962814
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
चित्रा मुद्गल मध्यवर्गीय स्त्री-जीवन की आकांक्षाओं और अभावों को गहरे भाव के साथ देखती-लिखती रही हैं। उनकी अनेक कहानियाँ मानक के रूप में देखी और सराही गई हैं।
अपने लम्बे साहित्यिक जीवन में उन्होंने न सिर्फ सामान्य अनुभवों से इतर कथाओं को सम्भव किया, बल्कि भाषा के स्तर पर भी अपनी एक विशिष्ट शैली ईजाद की। इस संग्रह की कुछ कहानियों में प्रयुक्त भाषा को देखते हुए कहा जा सकता है कि रचनाकार ने सिर्फ पात्रों के जीवन और आचार-व्यवहार का ही नहीं, उनकी सामाजिक-सांस्कृतिक विशिष्टताओं का भी गहरा अध्ययन किया है।
उनकी इन कहानियों में उस स्त्री का स्वर सुनाई पड़ता है जो अपने जीवन को धीरे-धीरे बदलते हुए समाज को भी बदल रही है। पारिवारिक जीवन के तौर-तरीकों में विन्यस्त उत्पीड़न के बिम्बों को तो उन्होंने बारीकी से पकड़ा ही है।
‘दुलहिन’ चित्रा मुद्गल का सबसे पहला संग्रह जिसे उन्होंने अपने लेखकीय जीवन की पहली कृति के रूप में संकलित किया था।
Be the first to review “Dulhin Hard Cover” Cancel reply
Description
चित्रा मुद्गल मध्यवर्गीय स्त्री-जीवन की आकांक्षाओं और अभावों को गहरे भाव के साथ देखती-लिखती रही हैं। उनकी अनेक कहानियाँ मानक के रूप में देखी और सराही गई हैं।
अपने लम्बे साहित्यिक जीवन में उन्होंने न सिर्फ सामान्य अनुभवों से इतर कथाओं को सम्भव किया, बल्कि भाषा के स्तर पर भी अपनी एक विशिष्ट शैली ईजाद की। इस संग्रह की कुछ कहानियों में प्रयुक्त भाषा को देखते हुए कहा जा सकता है कि रचनाकार ने सिर्फ पात्रों के जीवन और आचार-व्यवहार का ही नहीं, उनकी सामाजिक-सांस्कृतिक विशिष्टताओं का भी गहरा अध्ययन किया है।
उनकी इन कहानियों में उस स्त्री का स्वर सुनाई पड़ता है जो अपने जीवन को धीरे-धीरे बदलते हुए समाज को भी बदल रही है। पारिवारिक जीवन के तौर-तरीकों में विन्यस्त उत्पीड़न के बिम्बों को तो उन्होंने बारीकी से पकड़ा ही है।
‘दुलहिन’ चित्रा मुद्गल का सबसे पहला संग्रह जिसे उन्होंने अपने लेखकीय जीवन की पहली कृति के रूप में संकलित किया था।
About Author
चित्रा मुद्गल
प्रख्यात कथाकार चित्रा मुद्गल का जन्म 10 दिसम्बर, 1943 को हुआ।
उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—आवां (आठ भारतीय भाषाओं में अनूदित), गिलिगडु, एक ज़मीन अपनी, पोस्ट बॉक्स नम्बर 203 : नाला सोपारा (उपन्यास); इस हमाम में, चेहरे, लपटें, जगदम्बा बाबू गाँव आ रहे हैं, भूख, ज़हर ठहरा हुआ, लाक्षागृह, अपनी वापसी, ग्यारह लम्बी कहानियाँ, जिनावर, मामला आगे बढ़ेगा अभी, केंचुल, आदि-अनादि (तीन खंडों में), प्रतिनिधि कहानियाँ, शून्य (कहानी-संग्रह); तहख़ानों में बन्द अक्स (कथात्मक रिपोर्ताज); जीवक, माधवी कन्नगी और मणिमेखलयी (बाल उपन्यास); दूर के ढोल, सूझ-बूझ, देश-देश की लोककथाएँ (बाल कथा-संग्रह); बयार उनकी मुट्ठी में (लेख); सद्गति तथा अन्य नाटक, पंच परमेश्वर तथा अन्य नाटक, बूढ़ी काकी तथा अन्य नाटक (नाट्य-रूपान्तर)।
उन्होंने अनेक पुस्तकों का सम्पादन किया है। दूरदर्शन के लिए टेलीफ़िल्म वारिस का निर्माण किया है। प्रसिद्ध कहानियों पर आधारित एक कहानी, मझधार, रिश्ते सरीखे धारावाहिकों में उनकी कई कहानियाँ सम्मिलित हुई हैं। वे प्रसार भारती की बोर्ड मेम्बर और उसी की इंडियन क्लासिक कोर कमिटी की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वे 42वें और 68वें नेशनल अवार्ड की ज्यूरी सदस्य रही हैं।
उनका उपन्यास आवां बिड़ला फ़ाउंडेशन के व्यास सम्मान से सम्मानित है। उन्हें इन्दु शर्मा कथा सम्मान (लन्दन), पुश्किन सम्मान (रूस), साहित्य सम्मान (हिन्दी अकादमी, दिल्ली), अवन्ती बाई सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान और वीरसिंह देव सम्मान के साथ ही सामाजिक कार्यों के लिए विदुला सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।
सम्पर्क : mail@chitramudgal.info
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Dulhin Hard Cover” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Related products
Sacred Books of the East (50 Vols.)
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
RELATED PRODUCTS
Autobiography of a Yogi in HINDI – Original 1946 Edition
Save: 40%
Horaratnam of Srimanmishra Balabhadra (Vol. 2): Hindi Vyakhya
Save: 20%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Horaratnam of Srimanmishra Balbhadra (Vol. 1): Hindi Vyakhya
Save: 10%
Sacred Books of the East (50 Vols.)
Save: 10%
Reviews
There are no reviews yet.