Madam Sir (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Manjari Jaruhar, Tr. Ranjana Srivastava
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Rajkamal
Author:
Manjari Jaruhar, Tr. Ranjana Srivastava
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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जीवन में अचानक आ पहुँचे एक मोड़ ने जब माता-पिता द्वारा निर्धारित की गई गृहिणी की भूमिका को ख़ारिज कर दिया, तब असामान्य मुश्किलों को पार करते हुए मंजरी देश की प्रतिष्ठित पुलिस सेवा में आनेवाली बिहार की पहली महिला बनीं।
‘मैडम सर’ उनकी पहली किताब है जिसकी पृष्ठभूमि में भागलपुर में अभियुक्तों को अंधा बनाने, 1984 के सिख-विरोधी दंगे, बिहार में लालू प्रसाद का शासनकाल जैसे महत्त्वपूर्ण प्रसंग हैं। वस्तुत: यह किताब एक महिला की नज़र से की गई भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की एक आंतरिक पड़ताल है।
यह किताब सुरक्षित वातावरण में पली एक लड़की के भारतीय पुलिस सेवा की सबसे अगली कतार तक पहुँचने का मर्मस्पर्शी विवरण है। यह एक ऐसी स्त्री द्वारा साहस, दृढ़ता और नेतृत्वकला का सबक़ है जिसने सहकर्मियों का अविश्वास और उपहास सहते हुए भी नए-नए रास्ते खोजे और सफलता पाई। यह कहानी आपको अपने सपने पूरे करने की प्रेरणा और असंभव ऊँचाइयाँ छूने की हिम्मत देगी।

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Description

जीवन में अचानक आ पहुँचे एक मोड़ ने जब माता-पिता द्वारा निर्धारित की गई गृहिणी की भूमिका को ख़ारिज कर दिया, तब असामान्य मुश्किलों को पार करते हुए मंजरी देश की प्रतिष्ठित पुलिस सेवा में आनेवाली बिहार की पहली महिला बनीं।
‘मैडम सर’ उनकी पहली किताब है जिसकी पृष्ठभूमि में भागलपुर में अभियुक्तों को अंधा बनाने, 1984 के सिख-विरोधी दंगे, बिहार में लालू प्रसाद का शासनकाल जैसे महत्त्वपूर्ण प्रसंग हैं। वस्तुत: यह किताब एक महिला की नज़र से की गई भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की एक आंतरिक पड़ताल है।
यह किताब सुरक्षित वातावरण में पली एक लड़की के भारतीय पुलिस सेवा की सबसे अगली कतार तक पहुँचने का मर्मस्पर्शी विवरण है। यह एक ऐसी स्त्री द्वारा साहस, दृढ़ता और नेतृत्वकला का सबक़ है जिसने सहकर्मियों का अविश्वास और उपहास सहते हुए भी नए-नए रास्ते खोजे और सफलता पाई। यह कहानी आपको अपने सपने पूरे करने की प्रेरणा और असंभव ऊँचाइयाँ छूने की हिम्मत देगी।

About Author

मंजरी जारुहार

मंजरी जारुहार भारतीय पुलिस सेवा के 1976 बैच की अधिकारी हैं। उन्होंने बिहार व झारखंड में, सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में तथा केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ़.) व केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ़.) में अपनी सेवाएँ दीं। 2010 में सेवानिवृत्ति के समय वे केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में विशेष महानिदेशक थीं। बिहार में भारतीय पुलिस सेवा की पहली महिला अधिकारी मंजरी जारुहार ने अपने कार्यकाल के दौरान एक अत्यन्त प्रभावी, योग्य व सख़्त मगर साथ ही संवेदनशील अधिकारी के रूप में अपनी साख बनाई। उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुलिस पदक व विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने इंडियन म्यूज़िक इंडस्ट्री के चोरी-निरोधक विंग के प्रमुख की भूमिका निभाई। आजकल वे टाटा कन्सलटेंसी सर्विसेज़ (टी.सी.एस.) को होमलैंड सिक्योरिटी पर परामर्श देने का काम कर रही हैं। भारतीय वाणिज्य व उद्योग मंडल महासंघ (फ़िक्की) की निजी सुरक्षा समिति की सलाहकार भी हैं। मंजरी अंग्रेज़ी साहित्य की विद्यार्थी हैं। पढ़ने के अलावा उन्हें यात्राएँ करना, खाना पकाना और पोते-पोतियों के संग समय बिताना अच्छा लगता है। वे अपने पति श्री राकेश जारुहार के साथ, जो भारतीय पुलिस सेवा में उनके साथी थे, दिल्ली में रहती हैं।

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