Bhartiya Musalmano Ki Samaj Sanrachna Aur Mansikta Hard Cover

Publisher:
Lokbharti
| Author:
SURYANARAYAN RANSUBHE
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Lokbharti
Author:
SURYANARAYAN RANSUBHE
Language:
Hindi
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Hardback

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भारतीय मुसलमानों की समाज संरचना और मानसिकता पर सम्भवतः हिन्दी में भारतीय समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य से प्रस्तुति करनेवाली यह पहली पुस्तक है।
इस विषय पर अब तक लिखी गई पुस्तकें ओरिएंटलिस्ट उपनिवेशवादी इतिहास शास्त्र के अथवा हिन्दुत्व के प्रभावान्तर्गत ही रही हैं। ‘विश्व के सभी मुसलमान एक हैं—इस भ्रमपूर्ण मोनोलिथ की प्रस्तुति करनेवाली रही हैं।’ उस प्रस्तुति का प्रतिवाद करनेवाली यह पुस्तक है। इसमें भारत के मानववंशशास्त्र और (एन्थ्रोपोलोजी) इतिहास के आधार पर पिछले एक हजार वर्षों से यहाँ के मुसलमानों की जिस सामाजिक संरचना का गठन हुआ है, उस पर विचार किया गया है।
16वीं तथा 17वीं सदी में हिन्दू-मुस्लिमों की संस्कृति में सामाजिक समन्वय के जो प्रयत्न हुए हैं उसको भी यहाँ समझाया गया है। 1857 के बाद की राजनीति, स्वतंत्रता के बाद का बदलता परिवेश, 1990 के बाद बदलती गई राजनीति और इस सबका जो प्रभाव मुस्लिम मानसिकता पर होता गया; उन सबकी समीक्षा यह पुस्तक करती है।
अमेरिका की साम्राज्यवादी राजनीति, पाकिस्तान की ओर झुकी हुई उनकी नीति, हिन्दुत्व की राजनीति इसके प्रभावों का विवेचन इस पुस्तक में है।

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Description

भारतीय मुसलमानों की समाज संरचना और मानसिकता पर सम्भवतः हिन्दी में भारतीय समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य से प्रस्तुति करनेवाली यह पहली पुस्तक है।
इस विषय पर अब तक लिखी गई पुस्तकें ओरिएंटलिस्ट उपनिवेशवादी इतिहास शास्त्र के अथवा हिन्दुत्व के प्रभावान्तर्गत ही रही हैं। ‘विश्व के सभी मुसलमान एक हैं—इस भ्रमपूर्ण मोनोलिथ की प्रस्तुति करनेवाली रही हैं।’ उस प्रस्तुति का प्रतिवाद करनेवाली यह पुस्तक है। इसमें भारत के मानववंशशास्त्र और (एन्थ्रोपोलोजी) इतिहास के आधार पर पिछले एक हजार वर्षों से यहाँ के मुसलमानों की जिस सामाजिक संरचना का गठन हुआ है, उस पर विचार किया गया है।
16वीं तथा 17वीं सदी में हिन्दू-मुस्लिमों की संस्कृति में सामाजिक समन्वय के जो प्रयत्न हुए हैं उसको भी यहाँ समझाया गया है। 1857 के बाद की राजनीति, स्वतंत्रता के बाद का बदलता परिवेश, 1990 के बाद बदलती गई राजनीति और इस सबका जो प्रभाव मुस्लिम मानसिकता पर होता गया; उन सबकी समीक्षा यह पुस्तक करती है।
अमेरिका की साम्राज्यवादी राजनीति, पाकिस्तान की ओर झुकी हुई उनकी नीति, हिन्दुत्व की राजनीति इसके प्रभावों का विवेचन इस पुस्तक में है।

About Author

फकरुद्दीन बेन्नूर

फकरुद्दीन बेन्नूर का जन्म 25 बर, 1938 को सतारा, महाराष्ट्र में हुआ। उन शिक्षा एम.ए राजनीतिशास्त्र तथा इतिहास से करने के उपरान्त दयानन्द कॉलेज, लातूर में 1965 से 1966 तक तथा संगमेश्वर कॉलेज सोलापुर, महाराष्ट्र में 1966 1998 तक अध्यापन कार्य किया।

1970 से मुस्लिमों के प्रबोधन से सम्बन्धित सभी आन्दोलनों में सक्रिय सहभागिता। मुस्लिम महिलाओं के प्रश्न, हिन्दू मुस्लिम प्रश्न और राजनीति, जमातवाद, हिन्दू मुस्लिम सौहार्द की समस्या, मुस्लिम-मराठी साहित्य से सम्बन्धित विषयों पर प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लेखन। दलित अत्याचार विरोधी आन्दोलनों में सक्रिय सहभागिता, दलित समस्याओं पर लेखन तथा अम्बेडकर के विचारों के प्रचार-प्रसार हेतु कार्य।

निधन: 17 अगस्त, 2018 

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