Sukhi Mrityu (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Albert Camus, Tr. Sharad Chandra
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajkamal
Author:
Albert Camus, Tr. Sharad Chandra
Language:
Hindi
Format:
Paperback

175

Save: 30%

In stock

Ships within:
3-5 days

In stock

Weight 0.15 g
Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788119835171 Category
Category:
Page Extent:

एक लोकप्रिय लेखक होने के साथ-साथ कामू एक महान चिन्तक भी थे। जीवन-भर वे अपनी आत्मा और प्रतिभा की पूरी शक्ति से, विचार के पूर्ण प्रयास तथा अन्तरात्मा की वेदना से अपने समय की जटिल व यातनाप्रद समस्याओं में उलझे रहे। उनकी रचनाओं में मानव की आत्मा के विद्रोह, सच्चे सुख के रहस्य की खोज और सत्य का मूल रूप जानने की चिर-अतृप्त जिज्ञासा बहुत गम्भीरता से व्यक्त हुई है। ‘सुखी मृत्यु’ उपन्यास भी जीवन-सुख और उसी में निहित मृत्यु-सुख को समझने के प्रयास का विवरण है।
जीवन में सुख प्राप्त करना जिससे कि मृत्यु भी एक सुखद अनुभव रहे; ऐसा सम्पूर्ण सुख कैसे मिले? यही इस उपन्यास की केन्द्रीय समस्या है। उपन्यास का पहला भाग जीवन की इस समस्या का अदीप्त, अस्पष्ट पहलू हमारे सामने रखता है जब नायक के पास न तो मानसिक परिपक्वता है, न आर्थिक क्षमता और न ही समय। दूसरा भाग उसके मन के सुख, शान्ति और आन्तरिक आनन्द को प्रस्तुत करता है।
कहा जाता है कि कामू के अत्यन्त चर्चित उपन्यास ‘अजनबी’ का अंकुर ‘सुखी मृत्यु’ उपन्यास में ही संहत है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Sukhi Mrityu (PB)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

एक लोकप्रिय लेखक होने के साथ-साथ कामू एक महान चिन्तक भी थे। जीवन-भर वे अपनी आत्मा और प्रतिभा की पूरी शक्ति से, विचार के पूर्ण प्रयास तथा अन्तरात्मा की वेदना से अपने समय की जटिल व यातनाप्रद समस्याओं में उलझे रहे। उनकी रचनाओं में मानव की आत्मा के विद्रोह, सच्चे सुख के रहस्य की खोज और सत्य का मूल रूप जानने की चिर-अतृप्त जिज्ञासा बहुत गम्भीरता से व्यक्त हुई है। ‘सुखी मृत्यु’ उपन्यास भी जीवन-सुख और उसी में निहित मृत्यु-सुख को समझने के प्रयास का विवरण है।
जीवन में सुख प्राप्त करना जिससे कि मृत्यु भी एक सुखद अनुभव रहे; ऐसा सम्पूर्ण सुख कैसे मिले? यही इस उपन्यास की केन्द्रीय समस्या है। उपन्यास का पहला भाग जीवन की इस समस्या का अदीप्त, अस्पष्ट पहलू हमारे सामने रखता है जब नायक के पास न तो मानसिक परिपक्वता है, न आर्थिक क्षमता और न ही समय। दूसरा भाग उसके मन के सुख, शान्ति और आन्तरिक आनन्द को प्रस्तुत करता है।
कहा जाता है कि कामू के अत्यन्त चर्चित उपन्यास ‘अजनबी’ का अंकुर ‘सुखी मृत्यु’ उपन्यास में ही संहत है।

About Author

अल्बैर कामू

अल्बैर कामू (1913-1960) आधुनिक फ़्रेंच साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर और चिन्तक थे। उनके और ज्याँ-पाल सार्त्र के बीच हुई बहस को बीसवीं शताब्दी की सबसे महत्त्वपूर्ण साहित्यिक-वैचारिक बहसों में शुमार किया जाता है। उन्हें 1957 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। ‘प्लेग’, ‘पतन’, ‘अजनबी’, ‘सुखी मृत्यु’, ‘पहला आदमी’ (उपन्यास); ‘निर्वासन और आधिपत्य’ (कहानी-संग्रह); ‘कालिगुला’, ‘न्यायप्रिय’, ‘अर्थदोष’ (नाटक) उनकी चर्चित कृतियाँ हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Sukhi Mrityu (PB)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED