Hamari Chunautiyan : Bhartiya Samaj Ke Samaksh Chunautiyan 1 (HB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Ed. Badri Narayan, Sunit Singh
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
Ed. Badri Narayan, Sunit Singh
Language:
Hindi
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Hardback

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यह पुस्तक भारतीय समाज की वर्तमान चुनौतियों पर केन्द्रित है। इन चुनौतियों की जड़ें तो अतीत में हैं परन्तु इनका प्रभाव हमारे भविष्य तक जाता है। इन समकालीन चुनौतियों का प्रसार लोकतंत्र, परम्परा, विस्मरण एवं स्मृति-निर्माण तक फैला है। ये विमर्शपरक व्याख्यान गोविन्द बल्लभ पन्त सामाजिक विज्ञान संस्थान, इलाहाबाद द्वारा आयोजित लोकप्रिय शृंखला ‘भारतीय समाज के समक्ष चुनौतियाँ’ के तहत संस्थान में दिए गए हैं। यह व्याख्यान-शृंखला अनवरत चल रही है। इस व्याख्यान-शृंखला का पहला खंड आज की चुनौतियों पर तो विमर्श करता ही है, साथ ही इन चुनौतियों के भीतर से ही समाधान का छायाचित्र भी निर्मित करता है।

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यह पुस्तक भारतीय समाज की वर्तमान चुनौतियों पर केन्द्रित है। इन चुनौतियों की जड़ें तो अतीत में हैं परन्तु इनका प्रभाव हमारे भविष्य तक जाता है। इन समकालीन चुनौतियों का प्रसार लोकतंत्र, परम्परा, विस्मरण एवं स्मृति-निर्माण तक फैला है। ये विमर्शपरक व्याख्यान गोविन्द बल्लभ पन्त सामाजिक विज्ञान संस्थान, इलाहाबाद द्वारा आयोजित लोकप्रिय शृंखला ‘भारतीय समाज के समक्ष चुनौतियाँ’ के तहत संस्थान में दिए गए हैं। यह व्याख्यान-शृंखला अनवरत चल रही है। इस व्याख्यान-शृंखला का पहला खंड आज की चुनौतियों पर तो विमर्श करता ही है, साथ ही इन चुनौतियों के भीतर से ही समाधान का छायाचित्र भी निर्मित करता है।

About Author

बद्री नारायण

बद्री नारायण हिन्दी के महत्त्वपूर्ण कवि हैं। नवें दशक के कवियों में सर्वाधिक चर्चित। आप सामाजिक इतिहास एवं सांस्कृतिक मानवविज्ञान के विशेषज्ञ भी हैं। हिन्दी के एक प्रतिष्ठित कवि होने के साथ-साथ आप उत्तर भारत की आधारभूत राजनीतिक समझ और निर्मितियों की पहचान करनेवाले समाजविज्ञानी के रूप में भी जाने जाते हैं।

आपके प्रकाशित कविता-संग्रह हैं—‘खुदाई में हिंसा’, ‘शब्दपदीयम’ और ‘सच सुने कई दिन हुए’। आपकी प्रतिनिधि कविताओं की पुस्तक भी शीघ्र ही प्रकाशित होनेवाली है। आप ‘भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार’, ‘बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान’, ‘केदार सम्मान’, ‘स्पंदन कृति पुरस्कार’, ‘राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार’, ‘शमशेर सम्मान’, ‘मीरा स्मृति सम्मान’ से सम्मानित हो चुके हैं। आपकी कविताएँ अंग्रेज़ी, बांग्ला, उड़ि‍या, मलयालम, उर्दू तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। आपने देश-विदेश के अनेक साहित्यिक मंचों पर काव्य-पाठ किया है। आप कविता लिखने के साथ-साथ उस पर हो रहे चिन्तन एवं विमर्श के एक प्रखर हस्ताक्षर के रूप में भी जाने जाते हैं।

हिन्दी तथा अंग्रेज़ी के शीर्षस्थ पत्र-पत्रिकाओं में राजनीतिक विशेषणों पर आधारित आपके कॉलम भी प्रकाशित होते रहे हैं। आपके वैचारिक निबन्धों की कई पुस्तकें प्रकाशित हैं।

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