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Bharat : Hamein Kya Sikha Sakta Hai?-(PB)
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Bharat Ka Vikas Aur Rajniti-(PB)
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Bharat Ka Vikas Aur Rajniti-(HB)
Publisher:
Lokbharti
| Author:
DR. PRAMOD KUMAR AGRAWAL
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Lokbharti
Author:
DR. PRAMOD KUMAR AGRAWAL
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹500 ₹400
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In stock
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ISBN:
SKU
9789388211345
Category Hindi
Category: Hindi
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भारत का विकास और राजनीति’ एक बहुआयामी पुस्तक है जिसमें भारत की धड़कन समाहित है तथा भारत के विकास की प्रमुख समस्याओं का सरल एवं व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत है।
भारत एक विभिन्नता का देश है तथा विभिन्न प्रदेशों, ज़िलों तथा क्षेत्रों के विकास की विशेष समस्याएँ हल करके ही विकास के शिखर तक पहुँचा जा सकता है। अत: विकास के महायज्ञ में स्थानीय प्रशासन जैसे
पंचायतों, नगरपालिकाओं तथा ज़िला प्रशासन की अहम भूमिका है पर इन्हें विकास के लिए धनराशि राज्य एवं केन्द्र से ही उपलब्ध हो सकती है। अत: केन्द्र से लेकर स्थानीय प्रशासन में भ्रष्टाचार का निवारण तथा कर्म संस्कृति की महती आवश्यकता है। आज भारत का विकास उत्तम स्थिति में है पर भारत को अग्रगणी अर्थव्यवस्था तथा अग्रणी विकसित राष्ट्रों की प्रथम पंक्ति में आने के लिए ज़न-जागृति, राजनीति में शुचिता तथा नौकरशाही में पारदर्शिता तथा विकास के लिए समर्पण आवश्यक है। भारत की 130 करोड़ जनसंख्या की जटिल समस्याओं का कोई भी सरकार सहज समाधान नहीं कर सकती है पर इस दिशा में उसके सद्प्रयास ही जनता की थाती हैं। जनता, जन-प्रतिनिधि तथा नौकरशाही मिलकर इस देश में वांछित प्रगति तथा समृद्धि के प्रभात का प्रादुर्भाव करेंगे। आशा है कि इस उद्देश्य से लिखी गई यह पुस्तक राजनीतिक प्रतिनिधियों, नौकरशाहों, बुद्धिजीवियों, प्रतियोगी परीक्षा में बैठनेवाले अभ्यर्थियों तथा जन सामान्य के लिए समान रूप से उपयोगी होगी।
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Description
भारत का विकास और राजनीति’ एक बहुआयामी पुस्तक है जिसमें भारत की धड़कन समाहित है तथा भारत के विकास की प्रमुख समस्याओं का सरल एवं व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत है।
भारत एक विभिन्नता का देश है तथा विभिन्न प्रदेशों, ज़िलों तथा क्षेत्रों के विकास की विशेष समस्याएँ हल करके ही विकास के शिखर तक पहुँचा जा सकता है। अत: विकास के महायज्ञ में स्थानीय प्रशासन जैसे
पंचायतों, नगरपालिकाओं तथा ज़िला प्रशासन की अहम भूमिका है पर इन्हें विकास के लिए धनराशि राज्य एवं केन्द्र से ही उपलब्ध हो सकती है। अत: केन्द्र से लेकर स्थानीय प्रशासन में भ्रष्टाचार का निवारण तथा कर्म संस्कृति की महती आवश्यकता है। आज भारत का विकास उत्तम स्थिति में है पर भारत को अग्रगणी अर्थव्यवस्था तथा अग्रणी विकसित राष्ट्रों की प्रथम पंक्ति में आने के लिए ज़न-जागृति, राजनीति में शुचिता तथा नौकरशाही में पारदर्शिता तथा विकास के लिए समर्पण आवश्यक है। भारत की 130 करोड़ जनसंख्या की जटिल समस्याओं का कोई भी सरकार सहज समाधान नहीं कर सकती है पर इस दिशा में उसके सद्प्रयास ही जनता की थाती हैं। जनता, जन-प्रतिनिधि तथा नौकरशाही मिलकर इस देश में वांछित प्रगति तथा समृद्धि के प्रभात का प्रादुर्भाव करेंगे। आशा है कि इस उद्देश्य से लिखी गई यह पुस्तक राजनीतिक प्रतिनिधियों, नौकरशाहों, बुद्धिजीवियों, प्रतियोगी परीक्षा में बैठनेवाले अभ्यर्थियों तथा जन सामान्य के लिए समान रूप से उपयोगी होगी।
About Author
प्रमोद कुमार अग्रवाल
जन्म : 15 अक्टूबर, 1950; उत्तर प्रदेश के झाँसी जनपद के बरुआसागर क़स्बे में।
शिक्षा : बी.एस.सी, एल-एल.बी., एल-एल.एम. डी.फिल. (विधि), एमबीए।
सम्पादन तथा प्रकाशन : अंग्रेज़ी में 20 पुस्तकें तथा हिन्दी में 45 पुस्तकें प्रकाशित।
वैश्विक साहित्य, त्रैमासिक हिन्दी पत्रिका। एक दर्जन से अधिक जिनमें प्रमुख हैं : ‘प्रकाश’, ‘पृथ्वी की पीड़ा’, ‘साहिबगंज की बहू’, ‘सतलज से टेम्स तक’, ‘माफिया’ तथा ‘मीरजाफर’ (उपन्यास); ‘यूकेलिप्टस’, ‘गाँव गाँव की कहानियाँ’ (कहानी संग्रह); ‘निबन्ध निधि’, ‘निबन्ध महासागर’, ‘भारतीय सोच’, ‘न्यायतन्त्र और मानव अधिकार’, ‘भारत के विकास की चुनौतियां’, ‘भारत में पंचायती राज’, ‘गाँधी विचार और हम’, ‘जल प्रदूषण एवं गंगा निर्मलीकरण’, ‘भारत का संविधान’ (निबन्ध संग्रह); ‘भगवदगीता : नाट्यरूप’, ‘रामचरितमानस नाट्यरूप’, 'राधा की पाती कृष्ण के नाम', ‘चित्रकूट में राम-भरत मिलाप', मैं राम बोल रहा हूँ तथा 'संजय-धृतराष्ट संवाद' (भारतीय वांगमय)।
सम्मान : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा पुरस्कृत कृति ‘कारागार में कैदियों का जीवन' साहित्यकार संसद, विश्व साहित्य प्रकाशन समिति तथा हिन्दी सेवी समिति इलाहाबाद द्वारा सम्मानित, बुन्देलखंड विश्वविद्यालय तथा भारतीय हिन्दी परिषद द्वारा सम्मानित, सन् 2017 में हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा 'साहित्य महोपाध्याय सम्मान'।
विधि में प्रवक्ता, बिक्री कर एवं आयकर अधिकारी (वर्ष 1976) भारतीय प्रशासनिक सेवा (पश्चिम
बंगाल कैडर) में कार्यरत तथा संयुक्त सचिव भारत-सरकार तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवा निवृत्त होकर पूर्णरूप से साहित्य सेवा में समर्पित।
ई-मेल : pk_usha@rediffmail.com
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