Tanhaji 98

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Zindagi Unlimited

Publisher:
Penguin Swadesh
| Author:
Gaurav Upadhyay
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback 
Publisher:
Penguin Swadesh
Author:
Gaurav Upadhyay
Language:
Hindi
Format:
Paperback 

198

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In stock

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5-7 Days

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Book Type
ISBN:
SKU 9780143458333 Category
Category:
Page Extent:
208

आख़ि र क्यों हम अपने आप को परि स्थि ति यों में अटका हुआ पा ते हैं?
आख़ि र क्यों कुछ लो ग हर तरह की सी मा ओं को तो ड़ पा ते हैं?
आख़ि र कैसे दा यरों को तो ड़ कर हा सि ल हो ती है एक असी मि त ज़िं दगी ?
इस पुस्तक में इन सवा लों के जवा ब समा हि त हैं।हैंयह पुस्तक, लेखक गौ रव उपा ध्या य पंद्रह वर्षों के
अंतर्रा ष्ट्री य कैरि यर के अनुभव, 1000 से ज़्या दा लो गों से सा क्षा त्का र, सो शल मी डि या के ज़रि ए
जुड़े ला खों लो गों से सी खे गए सबक और जी वन के कई पहलुओं को नए नज़रि ए से देखदे ने की एक
को शि श का सा र है।है
खुद को बेहतर तरी के से जा नने से लेकर अपनी नई कहा नी लि खने तक, आप सी खेंगे की जी वन को
कैसे आसा न बना या जा ए? कैसे अपने मा इंड-सेट को बदलकर नए जी वन की संकल्पना कैसे करें?
दुखदु और पी ड़ा को गले लगा कर खुद को नया जी वन कैसे दि या दें?दें समय की सी मा ओं को कैसे
समझें और टा इम-मैनेजमेंट को नए दृष्टिदृष्टिको ण से कैसे देखेंदे खें?
इस पुस्तक में आपको वा स्तवि क जी वन से व्या वहा रि क उदा हरण और दि ल को छू लेने वा ली सच्ची
कहा नि यों के संदर्भ मि लेंगे। इस कि ता ब के सा थ आप खुद से भी संवा द कर सकेंगे। ज़िं दगी
अनलि मि टेड आसमा न से भी ऊँची उड़ा न भरने के आपके प्रया स में आपकी मा र्गदर्शक है और
आपकी सबसे अच्छी दो स्त भी ।

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Description

आख़ि र क्यों हम अपने आप को परि स्थि ति यों में अटका हुआ पा ते हैं?
आख़ि र क्यों कुछ लो ग हर तरह की सी मा ओं को तो ड़ पा ते हैं?
आख़ि र कैसे दा यरों को तो ड़ कर हा सि ल हो ती है एक असी मि त ज़िं दगी ?
इस पुस्तक में इन सवा लों के जवा ब समा हि त हैं।हैंयह पुस्तक, लेखक गौ रव उपा ध्या य पंद्रह वर्षों के
अंतर्रा ष्ट्री य कैरि यर के अनुभव, 1000 से ज़्या दा लो गों से सा क्षा त्का र, सो शल मी डि या के ज़रि ए
जुड़े ला खों लो गों से सी खे गए सबक और जी वन के कई पहलुओं को नए नज़रि ए से देखदे ने की एक
को शि श का सा र है।है
खुद को बेहतर तरी के से जा नने से लेकर अपनी नई कहा नी लि खने तक, आप सी खेंगे की जी वन को
कैसे आसा न बना या जा ए? कैसे अपने मा इंड-सेट को बदलकर नए जी वन की संकल्पना कैसे करें?
दुखदु और पी ड़ा को गले लगा कर खुद को नया जी वन कैसे दि या दें?दें समय की सी मा ओं को कैसे
समझें और टा इम-मैनेजमेंट को नए दृष्टिदृष्टिको ण से कैसे देखेंदे खें?
इस पुस्तक में आपको वा स्तवि क जी वन से व्या वहा रि क उदा हरण और दि ल को छू लेने वा ली सच्ची
कहा नि यों के संदर्भ मि लेंगे। इस कि ता ब के सा थ आप खुद से भी संवा द कर सकेंगे। ज़िं दगी
अनलि मि टेड आसमा न से भी ऊँची उड़ा न भरने के आपके प्रया स में आपकी मा र्गदर्शक है और
आपकी सबसे अच्छी दो स्त भी ।

About Author

गौ रव उपा ध्या य पेशे से एक सी नि यर टेक्नो लॉ जी प्रो फेशनल हैं और अभी सिं गा पुर में बहुरा ष्ट्री य कंपनी Adobe में का र्यरत हैं।हैं अपने पंद्रह सा लों के कॉ रपो रेट कैरि यर और बी स से भी अधि क देशोंदे शों में रहने या घूमने के बा द, पि छले कुछ सा लों से गौ रव ने लेखन के ज़रि ए अपना अनुभव सा झा करना शुरू कि या है।है सो शल मी डि या में दो ला ख से ज़्या दा फ़ा लो अर्स से जुड़े गौ रव, अपने लेखन और कवि ता ओं के मा ध्यम से लो गों को अपने जी वन में बेहतर बनने की ओर ले जा ने के मुहि म में जुड़े हैं।हैंगौ रव इसके पहले प्रका शि त अपनी पुस्तक मो स्ट वां टेड ज़िं दगी के लि ए भी जा ने जा ते हैं,हैंजि न्हें पढ़कर हज़ा रों लो ग प्रेरि त हुए हैं।हैंअपनी कवि ता ओं और लेखों में भा वना त्मक और व्या वहा रि क संतुलन बना ते हुए, गौ रव, हिं दीहिं दी में मो टि वेशन और सेल्फ़ हेल्हेप श्रेणी के लेखन में नई दि शा लेकर आए हैं।हैं गौ रव Tedx स्पी कर भी रह चुके हैं और कई रा ष्ट्री य एवं अंतर्रा ष्ट्री य मंचों पर अपने वि चा र सा झा करते हैं।हैं इनकी रचना एँ अंतर्रा ष्ट्री य पत्रि का ओं में छप चुकी हैं और टेक्नो लॉ जी तथा कैरि यर से संबंधि त संस्था ओं में बतौ र मेंटॉ र सक्रि य हैं।हैं गौ रव का जन्म बि हा र के मो ति हा री शहर में हुआ था और उन्हों ने इंजि नी रिं ग और एमबी ए की शि क्षा प्रा प्त करने के बा द कई देशोंदे शों में रहकर का म कि या है।है गौ रव अभी अपने परि वा र के सा थ पि छले दस सा लों से सिं गा पुर में रहते हैं।हैं

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