Phir Bhi

Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
| Author:
KAMLESHWAR
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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HIND POCKET BOOKS PRINTS
Author:
KAMLESHWAR
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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128

यह पुस्तक ‘फिर भी’ नामक फ़िल्म की पटकथा है। इसमें प्रसिद्ध कथाकार कमलेश्वर ने दो स्त्रियॉं की हृदयस्पर्शी कहानी प्रस्तुत की है। यह फ़िल्म अपनी नवीनता, मौलिकता और प्रभावपूर्ण प्रस्तुतीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुई थी। यह माँ और बेटी की ऐसी मनोवैज्ञानिक कहानी है, जिसमें माँ अपने को बेटी और बेटी अपने को माँ की भूमिका में पाती है। पुरुष के नाम पर मृत पापा बेटी की कल्पना में किसी पुरुष के लिए स्थान नहीं छोड़ता, और माँ है कि उसे अपने पति की स्मृति के बावजूद पुरुष का सहारा चाहिए।

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Description

यह पुस्तक ‘फिर भी’ नामक फ़िल्म की पटकथा है। इसमें प्रसिद्ध कथाकार कमलेश्वर ने दो स्त्रियॉं की हृदयस्पर्शी कहानी प्रस्तुत की है। यह फ़िल्म अपनी नवीनता, मौलिकता और प्रभावपूर्ण प्रस्तुतीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुई थी। यह माँ और बेटी की ऐसी मनोवैज्ञानिक कहानी है, जिसमें माँ अपने को बेटी और बेटी अपने को माँ की भूमिका में पाती है। पुरुष के नाम पर मृत पापा बेटी की कल्पना में किसी पुरुष के लिए स्थान नहीं छोड़ता, और माँ है कि उसे अपने पति की स्मृति के बावजूद पुरुष का सहारा चाहिए।

About Author

हिन्दी लेखक कमलेश्वर बीसवीं शती के सबसे सशक्त लेखकों में से एक समझे जाते हैं। कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में उन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा का परिचय दिया। उनका उपन्यास ’कितने पाकिस्तान’ हो या फिर भारतीय राजनीति का एक चेहरा दिखाती फ़िल्म ’आंधी’ हो, कमलेश्वर का काम एक मानक के तौर पर देखा जाता रहा है। उन्होंने फिल्मों के लिए पटकथाएँ तो लिखीं ही, उनके उपन्यासों पर फिल्में भी बनी। कमलेश्वर को ’पद्मभूषण’ से नवाज़ा गया और ’कितने पाकिस्तान’ उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे ’सारिका’ ’धर्मयुग’, ’जागरण’ और ’दैनिक भास्कर’ जैसी प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं के संपादक भी रहे। उन्होंने दूरदर्शन के अतिरिक्त महानिदेशक जैसा महत्वपूर्ण दायित्व भी निभाया। कमलेश्वर ने अपने 75 वर्ष के जीवन में 12 उपन्यास, 17 कहानी संग्रह और लगभग 100 फ़िल्मों की पटकथाएँ लिखीं।

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