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Manik Raitang ki Bansuri
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Dr. Sunita
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Dr. Sunita
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹250 ₹188
Save: 25%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Book Type |
---|
ISBN:
SKU
9788193288863
Categories Children, Hindi
Tag #P' Children's / Teenage fiction: Biographical fiction / autobiographical stories
Page Extent:
168
‘मानिक रायतंग की बाँसुरी’ डॉ. सुनीता की बच्चों और किशोर पाठकों के लिए लिखी गई बत्तीस अनूठी और त कहानियों का संग्रह है, जिनमें लोकजीवन की सुगंध है तो साथ ही दादी-नानी की कहानियों सरीखा अद्भुत रस और आकर्षण भी। डॉ. सुनीता बच्चों की जानी-मानी कथाकार हैं, जिनकी बाल कहानियाँ अपनी सादगी और सरलता के कारण सीधे बच्चों के दिलों में उतर जाती हैं। वे जिस भी कथानक को उठाती हैं, उसे मन के भावों में पिरोकर इतनी शिद्दत से लिखती हैं कि हमारा मन भी कहानी के पात्रों के साथ ही कभी हँसता तो कभी उदास हो जाता है और कभी मस्ती में भरकर खुशी और उल्लास के गीत भी गाता है। ‘मानिक रायतंग की बाँसुरी’ संग्रह की हर कहानी का अलग रंग, अलग अंदाज, अलग खुशबू है। बच्चे और किशोर पाठक ही नहीं, बड़े भी इन कहानियों से एक विशेष जुड़ाव महसूस करेंगे। वे इनमें बहुत कुछ ऐसा पाएँगे, जिनसे उनका जीवन महक उठेगा और उनमें औरों के लिए कुछ करने की प्रेरणा उत्पन्न होगी।.
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Bansuri” Cancel reply
Description
‘मानिक रायतंग की बाँसुरी’ डॉ. सुनीता की बच्चों और किशोर पाठकों के लिए लिखी गई बत्तीस अनूठी और त कहानियों का संग्रह है, जिनमें लोकजीवन की सुगंध है तो साथ ही दादी-नानी की कहानियों सरीखा अद्भुत रस और आकर्षण भी। डॉ. सुनीता बच्चों की जानी-मानी कथाकार हैं, जिनकी बाल कहानियाँ अपनी सादगी और सरलता के कारण सीधे बच्चों के दिलों में उतर जाती हैं। वे जिस भी कथानक को उठाती हैं, उसे मन के भावों में पिरोकर इतनी शिद्दत से लिखती हैं कि हमारा मन भी कहानी के पात्रों के साथ ही कभी हँसता तो कभी उदास हो जाता है और कभी मस्ती में भरकर खुशी और उल्लास के गीत भी गाता है। ‘मानिक रायतंग की बाँसुरी’ संग्रह की हर कहानी का अलग रंग, अलग अंदाज, अलग खुशबू है। बच्चे और किशोर पाठक ही नहीं, बड़े भी इन कहानियों से एक विशेष जुड़ाव महसूस करेंगे। वे इनमें बहुत कुछ ऐसा पाएँगे, जिनसे उनका जीवन महक उठेगा और उनमें औरों के लिए कुछ करने की प्रेरणा उत्पन्न होगी।.
About Author
जन्म: 29 जनवरी, 1954 को हरियाणा के सालवन गाँव में। शिक्षा: एम.ए. (हिंदी), पी-एच.डी.। ‘हिंदी कविता की वर्तमान गतिविधि: 1960 से 75 तक’ (शोध)। कुछ वर्षों तक हरियाणा और पंजाब के कॉलेजों में अध्यापन। सर्व शिक्षा अभियान और सामाजिक कार्यों में गहरी रुचि। लेखन और कृतियाँ: बचपन में गाँव में गुजारे गए समय पर लिखी गई कहानियाँ ‘नानी के गाँव में’ पुस्तक रूप में प्रकाशित। अन्य प्रमुख बाल कहानी-संग्रह हैं—‘साकरा गाँव की रामलीला’, ‘फूलों वाला घर’, ‘दादी की मुसकान’, ‘रंग-बिरंगी कहानियाँ’, ‘नानी-नानी कहो कहानी’, ‘कहानियाँ नानी की’, ‘दादी माँ की मीठी-मीठी कहानियाँ’, ‘बच्चों की भावपूर्ण पारिवारिक कहानियाँ’ और ‘बुढि़या की पोती’। खेल-खेल में बच्चों से बातें करते हुए लिखे गए सीधे-सरल भावनात्मक लेख ‘खेल-खेल में बातें’ शीर्षक से प्रकाशित। इसके अलावा देश-विदेश के महान् युगनायकों पर लिखी जीवनीपरक पुस्तक ‘धुन के पक्के’ खासी चर्चित हुई है।
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