Main Nehru Bol Raha Hoon

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Giriraj Sharan Agrawal
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Giriraj Sharan Agrawal
Language:
Hindi
Format:
Hardback

225

Save: 25%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

ISBN:
Page Extent:
136

पं. जवाहरलाल नेहरू का राष्ट्रवाद, धार्मिक या जातीय राष्ट्रीयता की संकुचित भावना से परे, विश्व-मानव की सेवा का माध्यम था। देश, जाति या धर्म-संप्रदाय के अहंकार से मुक्त उनका राष्ट्रवाद विश्वशांति की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए समर्पित था। नेहरूजी ने स्वतंत्र भारत में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र स्थापित कर ‘पंचशील’ और ‘विश्वशांति’ का शुभ संदेश दिया। भारत में सुनियोजित अर्थनीति और आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से भरपूर औद्योगिक प्रगति की आधारशिला रखने के लिए उन्हें युगों-युगों तक याद किया जाएगा। पं. जवाहरलाल नेहरू स्वाधीनता संग्राम के अग्रणी नायक तो थे ही, आधुनिक प्रगतिशील भारत के नव-निर्माण में उनका अनुपम योगदान हमारे इतिहास का स्वर्णिम शिलालेख है। आज नेहरूजी हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनके प्रेरक विचार आज भी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याओं के समुद्र में प्रकाश-स्तंभ बने हुए हैं। देश की नई पीढ़ी के छात्रों और युवाओं के वैचारिक प्रशिक्षण एवं प्रेरणा के लिए नेहरूजी के प्रेरक-मार्गदर्शक विचार, उनके ऐतिहासिक भाषणों, लेखों, पत्रों और पुस्तकों से चुनकर संकलित किए गए हैं।.

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Main Nehru Bol Raha Hoon”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

पं. जवाहरलाल नेहरू का राष्ट्रवाद, धार्मिक या जातीय राष्ट्रीयता की संकुचित भावना से परे, विश्व-मानव की सेवा का माध्यम था। देश, जाति या धर्म-संप्रदाय के अहंकार से मुक्त उनका राष्ट्रवाद विश्वशांति की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए समर्पित था। नेहरूजी ने स्वतंत्र भारत में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र स्थापित कर ‘पंचशील’ और ‘विश्वशांति’ का शुभ संदेश दिया। भारत में सुनियोजित अर्थनीति और आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से भरपूर औद्योगिक प्रगति की आधारशिला रखने के लिए उन्हें युगों-युगों तक याद किया जाएगा। पं. जवाहरलाल नेहरू स्वाधीनता संग्राम के अग्रणी नायक तो थे ही, आधुनिक प्रगतिशील भारत के नव-निर्माण में उनका अनुपम योगदान हमारे इतिहास का स्वर्णिम शिलालेख है। आज नेहरूजी हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनके प्रेरक विचार आज भी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याओं के समुद्र में प्रकाश-स्तंभ बने हुए हैं। देश की नई पीढ़ी के छात्रों और युवाओं के वैचारिक प्रशिक्षण एवं प्रेरणा के लिए नेहरूजी के प्रेरक-मार्गदर्शक विचार, उनके ऐतिहासिक भाषणों, लेखों, पत्रों और पुस्तकों से चुनकर संकलित किए गए हैं।.

About Author

डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल जन्म: 14 जुलाई, 1944 को संभल (मुरादाबाद) उ.प्र. में। शिक्षा: एम.ए., पी-एच.डी. (हिंदी), आगरा विश्‍वविद्यालय। प्रधान संपादक ‘शोध दिशा’ (त्रैमासिक); सचिव, हिंदी साहित्य निकेतन; पूर्व मंडलाध्यक्ष, रोटरी अंतरराष्‍ट्रीय मंडल 3100; सदस्य, भारतीय हिंदी परिषद् इलाहाबाद; सदस्य, अखिल भारतीय हिंदी प्रकाशक संघ, दिल्ली। कृतित्व: हिंदी में मौलिक एवं संपादित शताधिक पुस्तकें प्रकाशित। पुरस्कार-सम्मान: उ.प्र. युवा साहित्यकार संघ द्वारा ‘सरस्वतीश्री’; तुलसी पीठ कासगंज द्वारा ‘विद्यावारिधि’; विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ गांधीनगर द्वारा ‘विद्यासागर’; ‘बाबू झोलानाथ’ कृति पर उ.प्र. हिंदी संस्थान का अनुशंसा पुरस्कार; श्रीमती रतन शर्मा बाल साहित्य पुरस्कार; ‘मानवाधिकार: दशा और दिशा’ पुस्तक पर राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली का प्रथम पुरस्कार; ‘राजनीति में गिरगिटवाद’ पर उ.प्र. हिंदी संस्थान का अनुशंसा पुरस्कार, ‘आओ अतीत में चलें’ पर सूर-पुरस्कार एवं ‘साहित्यभूषण’; केंद्रीय हिंदी निदेशालय का ‘शिक्षा पुरस्कार’।.

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Main Nehru Bol Raha Hoon”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED