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Uska Shivalaya
Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Shri Rajkumar Chaudhary
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Shri Rajkumar Chaudhary
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹500 ₹375
Save: 25%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Weight | 445 g |
---|---|
Book Type |
ISBN:
Categories: General Fiction, Hindi
Page Extent:
242
अब हीरा ज्यादा ही घबरा गया था और सोचने लगा अब क्या करूँ! उसने फिर कॉल किया। रिंग होते ही बोला, ‘‘मैडम कॉल काटिएगा नहीं…मैं पल्लवी के भले के लिए बोल रहा हूँ।’’ ‘‘आप कौन हैं?’’ हीरा ने बिना देर किए सीधे बोला, ‘‘जी पल्लवी का एक्सीडेंट हो गया है…मैं उसे हॉस्पिटल लेकर आया हूँ।’’ ‘‘एक्सीडेंट?’’ ‘‘जी हाँ!’’ ‘‘ओ माई गॉड!…कैसी है वो!’’ ‘जी ठीक नहीं है…डॉक्टर तुरंत इनके गार्जियन को खोज रहे हैं…मैं इनके गर्जियन के बारे में कुछ नहीं जानता…!’’ ‘‘जी मेरा नाम अनुजा है…अभी पल्लवी कहाँ हॉस्पिटलाइज है?’’ हीरा, ‘‘जी अभी म मेडिकल कॉलेज में है।…अभी पल्लवी ब है…इसलिए मैं आपको तकलीफ दे रहा हूँ…कृपया इनके गार्जियन का नंबर और पता दे सकती हैं?…आप भी आकर देख लेती इनकी हालत…ठीक नहीं है।’’ —इसी संग्रह से.
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Description
अब हीरा ज्यादा ही घबरा गया था और सोचने लगा अब क्या करूँ! उसने फिर कॉल किया। रिंग होते ही बोला, ‘‘मैडम कॉल काटिएगा नहीं…मैं पल्लवी के भले के लिए बोल रहा हूँ।’’ ‘‘आप कौन हैं?’’ हीरा ने बिना देर किए सीधे बोला, ‘‘जी पल्लवी का एक्सीडेंट हो गया है…मैं उसे हॉस्पिटल लेकर आया हूँ।’’ ‘‘एक्सीडेंट?’’ ‘‘जी हाँ!’’ ‘‘ओ माई गॉड!…कैसी है वो!’’ ‘जी ठीक नहीं है…डॉक्टर तुरंत इनके गार्जियन को खोज रहे हैं…मैं इनके गर्जियन के बारे में कुछ नहीं जानता…!’’ ‘‘जी मेरा नाम अनुजा है…अभी पल्लवी कहाँ हॉस्पिटलाइज है?’’ हीरा, ‘‘जी अभी म मेडिकल कॉलेज में है।…अभी पल्लवी ब है…इसलिए मैं आपको तकलीफ दे रहा हूँ…कृपया इनके गार्जियन का नंबर और पता दे सकती हैं?…आप भी आकर देख लेती इनकी हालत…ठीक नहीं है।’’ —इसी संग्रह से.
About Author
उपन्यासकार राजकुमार चौधरी का जन्म 12 फरवरी, 1959 को ग्राम केनासराय, जिला नवादा (बिहार) के एक निर्धन परिवार में हुआ। स्नातकोत्तर (राजनीति विज्ञान से) की पढ़ाई मगध वि.वि. बोधगया से हुई। इनका पूरा जीवन संघर्षमय रहा है। वर्ष 1985 में उपसमाहर्ता का पदभार सँभाला। उच्च विद्यालीय शिक्षा के समय ही इन्होंने ‘सात अभिनय’ लिखा था, किंतु इसका प्रकाशन नहीं हो सका। अभी तक इन्होंने तीस पुस्तकों (काव्य, गीत, कहानी तथा उपन्यास) की रचना की है। वर्तमान में झारखंड कैडर के आई.ए.एस. अधिकारी हैं।.
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